कोटद्वार: उत्तराखंड और यूपी पुलिस मिलकर बदमाशों को अब सबक सिखाएगी। दोनों राज्यों के बदमाशों पर नकेल कसने के लिए शुक्रवार को बॉर्डर बैठक में रूपरेखा तैयार की गई है। उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल और बिजनौर पुलिस अफसरों के बीच हुई बॉर्डर मीटिंग में कार्रवाई की रणनीति बनाई गई है। बिजनौर के ऐसे 200 अपराधी उत्तराखंड में वारदातों को अंजाम देते हैं, जबकि उत्तराखंड के 82 बदमाश बिजनौर में वारदात कर वापस जाते हैं। दोनों जिले के अधिकारियों ने एक-दूसरे को इसकी सूची सौंपी गई है।
200 बदमाशों की लिस्ट
शुक्रवार को कोटद्वार में बॉर्डर मीटिंग का आयोजन किया गया। पुलिस अधीक्षक डा. धर्मवीर सिंह के निर्देश पर एएसपी देहात संजय कुमार ने हिस्सा लिया। मीटिंग में उत्तराखंड के पुलिस अफसरों ने 200 बदमाशों की लिस्ट बिजनौर पुलिस को सौंपी है। इनमें बिजनौर और आसपास के जिलों के रहने वाले हैं। सर्वाधिक नजीबाबाद थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। पौड़ी के अफसरों ने बताया कि यह हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, उधम सिंह नगर में आदि जगह पर घटना को अंजाम देकर बिजनौर में छिप जाते हैं। उन्हें तलाश करना मुश्किल होता है। इस बदमाशों की धरपकड़ और निगाह रखने के लिए मदद मांगी गई।
उत्तराखंड के 82 अपराधी
वहीं बिजनौर पुलिस ने भी उत्तराखंड के 82 अपराधियों की सूची सौंपी। मीटिंग में खासकर गोकशी, शराब तस्करी और वनों से लकड़ी चोरी को रोकने की रणनीति बनाई गई। दोनों जिलों की सीमाओं पर तस्कर मंसूबे बुनते रहते हैं। बॉर्डर पर भी आपसी सांमजस्य की सहमति बनी। बिजनौर और उत्तराखंड के पुलिस अफसरों का एक कोआर्डिनेशन ग्रुप बनाया जाएगा। व्हाट््सएप ग्रुप से भी आपस में तालमेल बनाए रखेंगे। एक-दूसरे को तत्काल सूचना भी देंगे।
बॉर्डर पर रहेगी सख्त निगाह
बिजनौर और उत्तराखंड को जोडऩे के लिए सिर्फ पक्की सड़कें ही नहीं बल्कि वनों से भी रास्ते हैं। पुलिस से बचने के लिए इन रास्तों का प्रयोग करते हैं। लकड़ी और वन्य जीव तस्करी में इन रास्तों का इस्तेमाल होता है। दोनों ओर की पुलिस बॉर्डर के आसपास आने जाने वाले लोगों पर निगाह रखेगी। संदिग्ध लोगों का डाटा तैयार किया जाएगा।