देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन के लिए केवल चार दिन का समय बचा है और (BJP) और कांग्रेस (Congress) अपनी दूसरी लिस्ट को सस्पेंस बड़ा दिया है. क्योंकि दोनों दलों ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी नहीं की है. जहां बीजेपी को अभी 11 सीटों पर प्रत्याशियों का चयन करना है वहीं कांग्रेस को 17 सीटों पर प्रत्याशी उतारने हैं. कांग्रेस में ज्यादातर सीटों पर दिग्गजों की नजर है. कांग्रेस अभी तक राज्य में सीएम के दावेदार माने जाने वाले हरीश रावत और उनके विरोध रणजीत सिंह का नाम तय नहीं कर सकी है. वहीं दोनों ही दल एक दूसरे के दूसरी लिस्ट के इंतजार में हैं. आम आदमी पार्टी उत्तराखंड मे पहली बार अपनी किस्मत आज़मा रही है आम आदमी पार्टी अपनी 51 डीटोन पर उम्मीदवार नियुक्त कर चुकी है लेकिन आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवारों को पहले ही विधानसभा प्रभारी बना दिये थे और उनमे से ज़्यादातर को उम्मीदवार बनाया गया है । इसलिए आप मे विरोध की आवाज़ इतनी बुलंन्द नहीं है।
उत्तराखंड मे कांग्रेस पार्टी की 17 सीटों पर अभी भी पेच फंसा हुआ है। माना जा रहा है कि ये सीटें वर्चस्व की लड़ाई में फंसी हैं। टिहरी, डोईवाला, लालाकुआं और झबरेड़ा में पार्टी को भाजपा के पत्ते खुलने का भी इंतजार है। इनके अलावा नरेंद्रनगर, देहरादून कैंट, ऋषिकेश, ज्वालापुर, रुड़की, खानपुर, लक्सर, हरिद्वार ग्रामीण, चौबट्टाखाल, लैंसडौन, सल्ट, कालाढूंगी, रामनगर सीटों पर पार्टी नए सिरे से सियासी गणित सुलझा रही है।
पूर्व सीएम हरीश रावत, पार्टी में कुछ दिन पहले शामिल हुए हरक सिंह रावत और हरीश के धुर विरोधी माने जाने वाले रणजीत सिंह रावत कहां से चुनाव लड़ेंगे, इस पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं। सबसे अधिक चर्चा रामनगर सीट को लेकर है। बताया जा रहा है कि इस सीट को लेकर हरीश और रणजीत दोनों ही अड़े हैं। जबकि हरक के चुनाव लड़ने को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें चौबट्टाखाल से सतपाल महाराज के खिलाफ उतार सकती है। इसके अलावा पहली सूची में हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं का नाम भी गायब है। उनके कांग्रेस में शामिल होने के बाद लैंसडौन से चुनाव लड़ने की चर्चा थी। पार्टी सूत्रों के अनुसार उन्हें इस सीट पर टिकट दिए जाने का आश्वासन दिया गया है। इसके अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को लेकर भी अभी तस्वीर साफ नहीं हुई है। हरीश रावत के पुत्र या पुत्री को टिकट दिया जाएगा, इस पर भी संशय बना हुआ है। कांग्रेस की कुछ सीटों पर उम्मीदवारों का विरोध भी हो रहा है। कांग्रेस के कई नेता निर्दलीय लड़ने की फिराक मे हैं जिनमे सूरत सिंह नेगी रायपुर विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं कांग्रेस मे अनुकृति का विरोध भी हो रहा है हालांकि उनका टिकट अभी फाइनल नहीं हुआ लेकिन लैंसडाउन के कांग्रेसी ऐलान कर चुके हैं की अगर अनुकृति को टिकट दिया गया तो वो 12 दावेदारों मे से 1 को चुनकर निर्दलीय चुनाव लड़ाएँगे।
एक तरफ जहां कांग्रेस को बची हुई सीटों पर उम्मीदवार उतारने मे कसरत करनी पड़ रही है वहीं बीजेपी को बचे हुए 11 उम्मीदवार के अलावा उतारे गए उम्मीदवारों को लेकर दावेदारों का विरोध भी झेलना पड़ रहा है बीजेपी बगावत की ज्वाला फूट रही है। जिस्मे कई नेता बागी हो रहे हैं । काशीपुर मे विधायक हरभजन सिंह चीमा के पुत्र त्रिलोक सिंह चीमा को टिकट देने का विरोध हो रहा है वहाँ की मेयर ऊषा समेत 400 भाजपाइयों ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है, धानौलटी मे प्रीतम सिंह पँवार को बीजेपी से टिकट मिलने पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता महावीर सिंह जांगड़ निर्दलीय चुनाव लड़ने की ताल ठोंक चुके हैं। वहीं ट्राली से विधायक मुंन्नी लाल शाह का टिकट नहीं फाइनल हुआ वो भी निर्दलीय चुनाव लड़ने की सोच रही हैं। इसके अलावा कई सीटों पर बीजेपी मे बगावत जारी है
सबसे बुरी स्थिति नैनीताल आरक्षित सीट पर रही। यहां टिकट से वंचित मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जनसंपर्क अधिकारी व पूर्व पार्टी जिलाध्यक्ष दिनेश आर्य ने मोर्चा खोल दिया। उन्होने आशंका जताई कि पार्टी के किसी बड़े नेता नेपूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के साथ टिकट फिक्सिंग कर कमजोर प्रत्याशी के रूप में सरिता आर्य का चयन कराया। वहीं, भीमताल विधानसभा से दावेदारी पेश करने वाले पूर्व मंडी समिति अध्यक्ष मनोज साह ने समर्थकों के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से ही त्याग पत्र देकर निर्दलीय चुनाव लडऩे का एलान कर दिया।
बीजेपी की लिस्ट मे ऋतु खंडूड़ी का नाम भी नहीं है। यमकेश्वर सीट पर पार्टी ने रेणु बिष्ट को उम्मीदवार बनाया है। पार्टी के इस निर्णय से महिला मोर्चा में नाराजगी का भाव है। कपकोट में वर्तमान विधायक बलवंत सिंह भौर्याल का टिकट काटकर सुरेश गढ़िया को प्रत्याशी बनाया है। पार्टी के 39 पदाधिकारियों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को इस्तीफा भेजने की खबर है।
टिकट न मिलने से नाराज दावेदार खुलेआम बगावत पर उतारू हैं जबकि पार्टी का संगठन अभी तक किसी दावेदार को मना नहीं पाया है। पार्टी की पहली सूची आने के बाद दावेदार न केवल खुलकर टिकट वितरण पर ऐतराज जता रहे हैं बल्कि कई तो चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी तक कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि कई दावेदार तो पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों के तक फोन नहीं उठा रहे जिससे पार्टी की मुश्किल बढ़ सकती है। साथ ही पार्टी का डैमेज कंट्रोल प्लान भी धराशाही होता दिख रहा है।
बीजेपी में इन सीटों पर घोषित होना है उम्मीदवार
- डोईवाला,
- टिहरी,
- केदारनाथ,
- कोटद्वार,
- झबरेड़ा,
- पिरान कलियर,
- रानीखेत,
- जागेश्वर,
- हल्द्वानी,
- लालकुआं
- रुद्रपुर
कांग्रेस में इन सीटों पर घोषित होना है उम्मीदवार
- देहरादून कैंट,
- डोईवाला,
- ऋषिकेश,
- नरेंद्रनगर,
- टिहरी,
- ज्वालापुर,
- झबरेड़ा,
- रुड़की,
- खानपुर,
- लक्सर,
- हरिद्वार ग्रामीण,
- चौबट्टाखाल,
- लैंसडाउन,
- सल्ट,
- लालकुआं,
- कालाढूंगी
- रामनगर