नई दिल्ली : अग्निवीर योजना को लेकर देशभर में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से कुछ बड़े ऐलान किए गए हैं। दरअसल, रक्षा मंत्री कार्यालय की तरफ से किए गए ट्वीट कर बताया गया है कि जो नौजवान चार वर्ष सेना में सेवा देने के बाद बाहर निकलेंगे उन्हें आजीवन अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा। मुझे खुशी है कि इन अग्नि वीरों की सैनिक सेवा समाप्त होने के बाद कई सरकारी विभागों में चयन के लिए उन्हें प्राथमिकता दिए जाने की घोषणा हो चुकी है, यदि वे कोई और काम करना चाहेंगे तो उन्हें सस्ती दर पर कर्ज की भी सुविधा प्रधान की जाएगी। रक्षा मंत्री ने आगे बताया कि देश की सेनाओं में अग्निवीर केवल नए Recruits लाने भर का नाम नहीं है बल्कि उन्हें भी वही क्वालिटी ट्रेनिंग दी जाएगी जो आज सेनाओं के जवानों को मिल रहा है। ट्रेनिंग का समय भले ही छोटा होगा मगर क्वालिटी से कोई समझौता नही होगा, इन आठ सालों में हर भारतीय ने यह महसूस किया है कि इस समय भारत में एक ऐसी सकरार है जो भारतीयों की चिंता केवल अपनी सरहदों के भीतर ही नहीं बल्कि दुनिया के हर कोने में करती है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज हमारे प्रधानमंत्री अमरीकी राष्ट्रपति बाईडेन से बात करते हैं, रूस में राष्ट्रपति पुतिन से भी बात करते है और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी बात करते है। यह भारत की Diplomacy, Credibility और Leadership की Quality को दर्शाता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि इस योजना को पूर्व सैनिकों के साथ लगभग दो साल तक विचार-विमर्श करने के बाद लागू किया गया है और इस संबंध में आम सहमति के आधार पर निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि लोगों में देश के लिए अनुशासन और गर्व की भावना हो। रक्षा मंत्री ने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ कुछ विरोध प्रदर्शनों के राजनीतिक कारण हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, ”राजनीति करने के लिए और भी बहुत सारे मुद्दे हैं। लेकिन हम चाहे विपक्ष में रहें या फिर सत्ता में में, जो भी राजनीति करते हैं, वह देश के लिए होती है। रक्षा मंत्री ने कहा, क्या हमें देश के जवानों का मनोबल गिराना चाहिए? यह सही नहीं है। अग्निपथ योजना के तहत चार साल के लिए अनुबंध के आधार पर जवानों की भर्ती की जाएगी, जिसके बाद उनमें से 75 प्रतिशत को पेंशन के बिना अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी। शेष 25 प्रतिशत को नियमित सेवा के लिए बरकरार रखा जाएगा। इन जवानों का चयन उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा।