देहरादून: वन दरोगा भर्ती प्रकरण में शक की सुई, हरिद्वार जिले के रहने वाले पांच सरकारी कर्मचारियों पर टिक गई है। उक्त सभी कर्मचारी, हरिद्वार और देहरादून में तैनात हैं। इन पर नकल माफिया के साथ सांठ – गांठ का संदेह है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC)की ओर से ऑनलाइन तरीके से आयोजित इस परीक्षा में नौ लोगों ने अपने कम्प्यूटर का कंट्रोल, बाहर सौंप दिया था। हालांकि रिजल्ट जारी करने से पहले ही पोल खुलने पर आयोग ने इन्हें रोक दिया था। इस मामले में एसटीएफ गत सप्ताह मुकदमा दर्ज करते हुए, हरिद्वार जिले से दो लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। अब हरिद्वार जिले के ही पांच अन्य सरकारी कर्मचारियों पर, इस परीक्षा में दलाल की भूमिका निभाने का संदेह है। सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ ने एक कर्मचारी से पूछताछ की है, इसके आधार पर अन्य तक भी आंच पहुंच रही है। लेकिन संदिग्धों के हाईप्रोफाइल लिंक होने से एसटीएफ भी संभल कर चल रही है। सूत्रों के अनुसार उक्त सभी हरिद्वार जिले के अड़ोस – पड़ोस वाले गांवों के रहने वाले हैं।
अब तक 11 सरकारी कर्मचारी हो चुक हैं गिरफ्तार: यूकेएसएसएससी पेपर लीक (UKSSSC Paper Leak) नकल कांड शुरू होने से अब तक कुल 11 सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार हो चुके हैं। इसमें शिक्षक, सचिवालय में तैनात एपीएस, कोर्ट लिपिक, पुलिस कर्मियों से लेकर पंतनगर यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड अधिकारी तक शामिल हैं।
जबकि यूपी जल संस्थान में तैनात एक जेई भी अब तक इस कांड में गिरफ्तार हो चुका है। इसमें से ज्यादातर पिछले दो- तीन साल के अंदर ही भर्ती हुए हैं। इस कारण विभिन्न आयोगों की ओर से आयोजित पिछली परीक्षाओं पर भी सवाल उठ रहे हैं। आयोग की पांच परीक्षाओं को रद किए जाने के पीछे इन कर्मियों की गिरफ्तारी एक अहम वजह बनी है।