देहरादून: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार दूरस्थ इलाकों के लिए मोबाइल टेस्टिंग वैन का इंतजाम कर रही है। हर दिन कम से कम 30 हजार टेस्ट होंगे। आरटीपीसीआर के साथ ही रेपिड एंटीजन और अन्य तरीके से परीक्षण की भी तैयारी की जा रही है। सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी, प्रभारी सचिव स्वास्थ्य पंकज पांडेय, आईजी अमित सिन्हा संयुक्त रूप से मीडिया से मुखातिब हुए। जांच कम होने के सवाल पर मुख्य सचिव ने कहा कि हर दिन करीब 30 हजार जांच करना तय किया गया है। दूरस्थ क्षेत्रों के लिए मोबाइल टेस्टिंग लैब की व्यवस्था की जा रही है। इससे गांवों के लोगों को शहर नहीं आना होगा।
जांच के साथ ही मिलेगी दवा किट
अधिकारियों के मुताबिक कोविड के कारण मरने वालों में 76 प्रतिशत की मृत्यु अस्पताल पहुंचने के 48 घंटे के अंदर हो रही है। इसे देखते हुए तय किया गया है जो भी जांच कराएगा, उसे तुरंत ही कोरोना की दवाइयों का स्टेंडर्ड किट तुरंत उपलब्ध कराई जाएगी। जांच कराने वाले को परिणाम का इंतजार नहीं करना होगा। मुख्य सचिव ने लोगों से लक्षण दिखने के साथ ही उपचार शुरू करने की अपील की है।
आईसीयू पर भी निगाह, समिति गठित
मुख्य सचिव ने बताया कि निजी अस्पतालों में यह भी सामने आ रहा है कि जिन लोगों को आइसीयू बेड की जरूरत नहीं हैं, वे बेड पर अधिकार जमाए बैठे हैं। इसके लिए समिति का गठन किया जा चुका है और वह इस मामले की जांच कर रही है।
लगातार अपडेट करें बिस्तरों की जानकारी
स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने कहा कि निजी अस्पतालों को सख्त चेतावनी दी गई है। उन्हें लगातार जानकारी अपडेट करनी होगी। जनसंपर्क अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी सार्वजनिक करने होंगे। एक टास्क फोर्स का भी गठन किया है, जिसमें डीएम, पुलिस, मेडिकल डिपार्टमेंट के स्पेशलिस्ट होंगे, जो सभी शिकायतों पर संज्ञान लेकर आगे कार्रवाई करेंगे। उन्होंने बताया कि रेमडिसिविर को क्लिनिकल प्रोटोकॉल के अनुसार ही उपयोग किया जाएगा।
कोविड टीकों के आयात पर भी विचार
मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश की क्षमता प्रतिदिन एक लाख टीकों की है। टीकों की कमी के कारण केंद्र सरकार से यह पूछा गया है कि क्या राज्य सरकार अपने स्तर पर टीकों का आयात कर सकती है।