चमोली: बदरीनाथ धाम में निवास कर रहे एक साधु की मंदिर में दर्शन करने की जिद पुलिस-प्रशासन के लिए गले की फांस बन गई। पुलिस के दर्शनों से रोके जाने के बाद साधु ने बदरीनाथ स्थित अपने आश्रम में बेमियादी अनशन शुरू कर दिया। उधर, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान कहना है कि कोरोना काल में किसी को भी मंदिर में दर्शनों की अनुमति नहीं है। शासन के नियमों से साधु को भी अवगत करा दिया गया है।
बदरीनाथ क्षेत्र में वर्ष 1990 से निवास कर रहे साधु धर्मराज भारती उर्फ मौनी बाबा का कहना है कि कपाट खुलने के बाद से वे रोजाना मंदिर में दर्शनों के बाद ही भोजन करते हैं। यह उनकी तपस्या का ही हिस्सा है। इस बार भी कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए 18 मई को कपाट खुलने के बाद से वो रोजाना सुबह भगवान नारायण के दर्शन करते आ रहे थे। लेकिन, 23 मई की सुबह जब वे मंदिर में दर्शनों के लिए जाने लगे तो वहां तैनात पुलिसकर्मियों और उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के कर्मचारियों ने उन्हें रोक दिया।
पूछे जाने पर कहा गया कि किसी भी श्रद्धालु को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है। इससे वह बेहद आहत हैं। इसके बाद मौनी बाबा सोमवार से धाम में स्थित अपने आश्रम में अनशन पर बैठ गए। उन्होंने चेतावनी दी है कि मंदिर में दर्शनों की अनुमति मिलने के बाद ही वह अनशन तोड़ेंगे।