चमोली: बद्रीनाथ धाम में नारायण के दर्शनों की अनुमति न दिये जाने के विरोध में अनशनकारी संत ने मंगलवार से जल भी त्याग दिया। सरकार की गाइड लाइन के अनुरूप कोविड टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट के साथ धाम में रहने वाले साधु धर्मराज भारती (मौनी बाबा) और ब्रहमचारी प्रशासन की अनुमति के बाद बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने से पूर्व धाम में पहुंच गये थे।
साधुओं को दर्शन करने से रोक दिया
यह संत अपनी गुरु परम्परा के अनुसार 22 मई तक कोविड नियामों का पालन करते हुए नित्य प्रातः भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर रहे थे। 23 मई को अचानक मंदिर के कर्मचारियों ने प्रातःकाल दर्शनों को पहुंचे साधुओं को दर्शन करने से रोक दिया। तब वह अनशन पर बैठ गए और मंगलवार से दोनों ने जल त्याग दिया।
1990 से धाम में निवास कर रहे
अनशनकारी धर्मानंद भारती का कहना है कि वे वर्ष 1990 से धाम में निवास कर रहे हैं। यहां अपने गुरु की ओर स्थापित परम्परा के अनुरूप वे प्रत्येक दिन भगवान नारायण के दर्शनों के बाद भोजन करते हैं। ऐसे में मंदिर प्रबंधन की ओर से दर्शनों पर रोक लगाने के बाद 24 मई से उन्होंने अनशन शुरू किया है। उन्होंने सरकार, शासन और प्रशासन से कोविड नियमों का अनुपालन करते हुए दर्शनों की अनुमति दिये जाने का अनुरोध किया है।