देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कोविड की दूसरी लहर का मुकाबला करने में असफल रहने का आरोप लगाते हुए सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि सरकार के मिस मैनेजमेंट से हजारों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। पहले कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को रोकने में मिस मैनेजमेंट हुआ, जिसका परिणाम पूरे देश ने भुगता। सरकार ने वैक्सीनेशन डे भी मनवा दिया, लेकिन वैक्सीन के उत्पादन या खरीद पर कोई काम नहीं किया। देश में वैक्सीन की भयंकर कमी पैदा हो गई है।
मगर अब जो हम देख रहे हैं, वह वैक्सीनेशन के नाम पर खुली लूट है, मृत्यु का भय दिखाकर लोगों का दोहन किया जा रहा है। रावत ने कहा कि आज सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन गायब है और निजी अस्पतालों में लोगों को वैक्सीन लग रही हैं, जिसके 1200 से लेकर 2000 रुपये तक मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। मौत का खतरा और तीसरी लहर का खतरा भांपते हुए लोग सपरिवार टीका लगाने पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें न चाहते हुए भी अधिक दाम चुकाने पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है आगे आने वाले दिनों में यह लूट और बढ़ेगी।
दिव्यांगों के टीकाकरण के लिए भेजी जाए मोबाइल वैन
देहरादून जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने चलने-फिरने में असमर्थ दिव्यांगों के टीकाकरण के लिए मोबाइल वैन भेजने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को अधीनस्थ अधिकारियों की बैठक लेते हुए उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण से पहले सूचना देने के निर्देश दिए। ताकि, ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि लोगों तक टीकाकरण की जानकारी पहुंचाने के लिए जनप्रतिनिधियों की मदद ली जाए। जिला समाज कल्याण अधिकारी दिव्यांगजनों का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करें। उन्होंने सीएमओ को डॉक्टरों, हेल्थ केयर स्टाफ और परिजनों का कार्यस्थल या संबंधित अस्पताल में ऑफलाइन साइट बनाकर टीकाकरण करने के निर्देश दिए। कहा कि उन सभी ग्राम पंचायतों से प्रमाणपत्र लिया जाए, जहां 45 वर्ष से अधिक के सभी लोगों को टीका लग चुका है।