देहरादून: उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन बनने जा रहा है, इस पर आज भाजपा विधायक दल की बैठक में तस्वीर साफ होगी। अभी तक के सियासी समीकरणों के हिसाब जो भी मुख्यमंत्री बनेगा वह विधायकों में से ही तय किया जाएगा। इसमें सबसे प्रबल दावेदारों के रूप में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का नाम शुमार किया जा रहा है।मुख्यमंत्री तीरथ रावत शुक्रवार शाम को दिल्ली के तीन दिवसीय दौरे से लौटे हैं। रात पौने दस बजे सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से रूबरू तीरथ ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई और उसके बाद राजभवन जाकर इस्तीफा सौंप दिया।
माना जा रहा है कि जातीय और क्षेत्रीय समीकरण के हिसाब से महाराज राज्य के नए मुख्यमंत्री बन सकते हैं। चूंकि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ब्राह्मण हैं तो फिर जातिगत समीकरण साधने के लिए ठाकुर नेता को ही सीएम बनाए जाने की सबसे ज्यादा संभावना है। महाराज के अतिरिक्त अन्य दावेदारों में कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, विशन सिंह चुफाल के साथ ही युवा चेहरों के रूप में राज्य मंत्री धन सिंह रावत और विधायक पुष्कर सिंह धामी के नाम की भी चर्चाएं हैं। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का भी नाम इन चर्चाओं में शामिल है, वे लगभग चार साल तक मुख्यमंत्री रहे। अनुभवी होने के नाते उनका यह पक्ष मजबूत माना जा रहा है पर कुछ विधायकों की नाराजगी के बाद हाईकमान ने उन्हें कुर्सी हटा दिया था।
Had he (Tirath Singh Rawat) not resigned, it would have led to Constitutional crisis. In some states, bypolls were delayed due to Covid. Circumstances have led to this situation. Leader to be elected at today's legislature meet: Former Uttrakhand CM Trivendra Singh Rawat pic.twitter.com/lqVoj2wUp5
— ANI (@ANI) July 3, 2021
उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा- अगर तीरथ सिंह रावत इस्तीफा नहीं दिया होता, तो इससे संवैधानिक संकट पैदा हो जाता। कुछ राज्यों में, कोविड के कारण उपचुनाव में देरी हुई। आज की विधानसभा बैठक में नेता चुने जाएंगे।