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12 मंत्रियों के इस्तीफे के बाद, मोदी कैबिनेट में उत्तराखंड से अजय भट्ट सहित ३६ नए चेहरे हुए शामिल, पढ़िए नाम

नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट का बुधवार शाम को विस्तार किया गया है। पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में 43 नए सदस्यों को शामिल किया है। 43 नए मंत्रियों में से 15 ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली है। वहीं 28 को राज्यमंत्री बनाया गया है। 43 में से 36 नए चेहरे हैं और सात को प्रमोशन मिला है। आज जो नेता मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं, उनमें पूर्व सीएम से लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री तक शामिल हैं। सभी नेताओं के बारे में पूरी डिटेल-

नारायण राणे- महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद नारायण राणे का 35 साल का राजनीतिक करियर है। वो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

सर्बानंद सोनोवाल- असम के पूर्व मुख्यमंत्री सोनोवाल दो बार के लोकसभा सांसद भी रहे हैं। वह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रह चुके हैं।

वीरेन्द्र कुमार- मध्य प्रदेश के सात बार के लोकसभा सांसद हैं। वो महिला और बाल विकास और अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया- बीते साल कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए सिंधिया यूपीए सरकार में मंत्री रहे हैं।

आरपी सिंह- रामचंद्र प्रसाद सिंह बिहार से दूसरी बार राज्यसभा सांसद हैं। आरपी सिंह जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष हैं।

अश्विनी वैष्णव- वह ओडिशा से भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं। पूर्व आईएएस अधिकारी अश्विनी जून 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे।

पशुपति कुमार पारस- पशुपति कुमार पारस बिहार के हाजीपुर से लोकसभा सांसद हैं। वह रामविलास पासवान के भाई हैं।

भूपेंद्र यादव- भूपेंद्र यादव राजस्थान से दो बार के राज्यसभा सांसद हैं। वह कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे हैं।

पंकज चौधरी- उत्तर प्रदेश के महाराजगंज से पंकज चौधरी छह बार सांसद बन चुके हैं।

अनुप्रिया पटेल- अपना दल की नेता अनुप्रिया सिंह पटेल उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से सांसद हैं। मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में वो मंत्री रह चुकी हैं।

सत्यपाल सिंह बघेल -सत्यपाल सिंह बघेल यूपी के आगरा से लोकसभा सांसद हैं।

राजीव चंद्रशेखर- राजीव चंद्रशेखर कर्नाटक से तीन बार के राज्यसभा सांसद हैं।

शोभा करंदलाजे- शोभा करंदलाजे कर्नाटक के उडुपी-चिकमगलूर से लोकसभा सांसद हैं। वह पहली बार केंद्र में मंत्री बनी हैं।

भानु प्रताप सिंह वर्मा- भानु प्रताप सिंह वर्मा उत्तर प्रदेश के जालौन से लोकसभा सांसद हैं।

दर्शन विक्रम जरदोशी गजरात के सूरत से लोकसभा सांसद हैं। वोगुजरात भाजपा का एक प्रमुख चेहरा हैं।

मीनाक्षी लेखी नई दिल्ली से लोकसभा साीट से लगातार दूसरी बार सांसद हैं। लेखी सुप्रीम कोर्ट की एक प्रसिद्ध वकील भी हैं।

अन्नपूर्णा देवी- झारखंड में मंत्री रह चुकीं अन्नपूर्णा को अब केंद्र में मंत्री बनने का मौका मिला है।

ए नारायणस्वामी- कर्नाटक के चित्रदुर्ग से पहली बार लोकसभा सांसद बने हैं। वह कर्नाटक सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

कौशल किशोर- उत्तर प्रदेश के मोहनलालगंज से लोकसभा सांसद हैं। वो यूपी सरकार में राज्य मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं।

अजय भट्ट- उत्तराखंड के नैनीताल-उधमसिंह नगर से लोकसभा सांसद हैं। उत्तराखंड सरकार में भट्ट स्वास्थ्य से संसदीय मामलों तक विभिन्न विभागों का कार्यभार संभाल चुके हैं।

बीएल वर्मा- उत्तर प्रदेश से राज्य सभा सासंद हैं। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में 35 साल से ज्यादा समय से हैं।

अजय कुमार- उत्तर प्रदेश के खीरी से सांसद हैं। वह दूसरी बार बतौर सांसद चुने गए हैं।

देवुसिंह चौहान- गुजरात के खेड़ा से लोकसभा सांसद हैं। इससे पहले, वह दो बार गुजरात विधानसभा के लिए चुने गए थे।

भगवंत खुबा- कर्नाटक के बीदर से लोकसभा सांसद हैं। वो दूसरी दफा सांसद बने हैं।

कपिल मोरेश्वर पाटिल का राजनीतिक सफर काफी खास रहा है। पाटिल ने तीन दशकों में एक सरपंच से लेकर महाराष्ट्र में एक जिला परिषद के अध्यक्ष होने तक का सफर किया और अब मंत्री बने हैं।

प्रतिमा भौमिकी त्रिपुरा पश्चिम से पहली बार लोकसभा सांसद बनी हैं।

सुभाष सरकार- पश्चिम बंगाल में बांकुरा के लिए पहली बार लोकसभा सांसद एक स्त्री रोग विशेषज्ञ और एम्स-कल्याणी के बोर्ड सदस्य हैं। आजीवन सामाजिक कार्यकर्ता 67 वर्षीय सरकार रामकृष्ण मिशन से जुड़ी थीं।

भागवत किशनराव कराड पेशे से डॉक्टर हैं। इशसे पहले औरंगाबाद नगर निगम के मेयर और मराठवाड़ा कानूनी विकास निगम के अध्यक्ष रह चुके हैं। ।

राजकुमार रंजन सिंह इनर मणिपुर से पहली बार सांसद हैं। राजनेता बनने से पहले, 68 वर्षीय चार दशकों तक भूगोल के प्रोफेसर थे। उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से भूगोल में एमए और पीएचडी की है।

भारती प्रवीण पवार नासिक जिला परिषद के सदस्य थे। कुपोषण को मिटाने और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए काम कर वो चर्चा में आए थे।

बिश्वेश्वर टुडु ओडिशा के मयूरभंज से लोकसभा सांसद हैं। राजनीति में आने से पहले उन्होंने ओडिशा के जल संसाधन विभाग में एक इंजीनियर के रूप में काम किया।

शांतनु ठाकुर पश्चिम बंगाल के बनगांव से पहली बार लोकसभा सांसद बने हैं। मतुआ समुदाय के नेता 38 वर्षीय ठाकुर ने कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में बीए और आतिथ्य प्रबंधन में डिप्लोमा किया है।

मुंजापारा महेंद्रभाई गुजरात में हृदय रोग विशेषज्ञ के तौर पहचान रखते हैं। महेंद्रभाई गुजरात की सुरेंद्रनगर लोकसभा सीट से सांसद हैं।

जॉन बारला पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार से पहली बार सांसद बने हैं। जॉन बारला ने दो दशकों तक उत्तर बंगाल और असम में चाय बागान श्रमिकों के अधिकारों के लिए काम किया है।

एल मुरुगन- 44 वर्षीय एल मुरुगन कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष हैं। 2017 से 2020 तक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में काम कर चुके हैं।

निसिथ प्रमाणिक सिर्फ 35 साल की उम्र में मंत्री बने हैं। निसिथ प्रमाणिक पश्चिम बंगाल के कूच बिहार लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं।


इन 12 मंत्रियों के हुए हैं इस्तीफे

12 मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है। इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के अलावा स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल, डीवी सदानंद गौड़ा, थावरचंद गहलोत, संतोष कुमार गंगवार, बाबुल सुप्रियो, धोत्रे संजय शामराव, रतन लाल कटारिया, प्रताप चंद्र सारंगी और देबाश्री चौधरी शामिल हैं।

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Author: nirbhiknazar

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