देहरादून: कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों में स्वास्थ्य महकमा जुट गया है। महकमे ने इसके लिए 30 जुलाई तक सभी तैयारियां पूर्ण करने का लक्ष्य रखा है। उपकरण, दवाओं और अन्य वस्तुओं की खरीद के टेंडर आमंत्रित किए जा चुके हैं। मकसद यह कि तीसरी लहर यदि आती है तो विभाग उसके लिए पूरी तरह से तैयार रहे।
प्रदेश में इस वर्ष अप्रैल से शुरू हुई कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बेहद भारी पड़ी थी। स्थित यह थी कि मरीजों को अस्पतालों में बेड तक नहीं मिल पाए थे। अस्पताल व बाजार में आवश्यक दवाओं और आक्सीजन की कमी हो गई थी। आक्सीजन सिलिंडर तक नहीं मिल पा रहे थे। यह स्थिति लंबे समय तक रही और दूसरी लहर में मामले कम होने के बाद ही हालात सामान्य हो पए। अब विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं। इसमें 18 वर्ष से कम आयुवर्ग के बच्चों व किशोरों के सबसे अधिक प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है।
दूसरी लहर के अनुभव से सबक लेते हुए सरकार व शासन ने इसकी तैयारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इस क्रम में अब व्यवस्था विशेष रूप से 18 वर्ष कम आयुवर्ग को ध्यान में रखते हुए ही की जा रही हैं। सभी जिला अस्पतालों में आक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाए जा चुके हैं। अब उप जिला अस्पतालों में इन्हें स्थापित किया जा रहा है। प्रदेश के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बेड क्षमता बढ़ाई जा रही है। सामुदायिक केंद्रों तक आक्सीजन पहुंचाई जा रही है।
बाल रोग विशेषज्ञों की संख्या बढ़ाई जा रही है। निजी बाल रोग विशेषज्ञों की सेवाएं लेने का भी रोड मैप तैयार किया गया है। छोटे बच्चों को ध्यान में रखते हुए अस्पतालों के लिए छोटे बेड खरीदे जा रहे हैं। इसके साथ ही बच्चों को इंजेक्शन देने के लिए उपकरण अलग से खरीदे जा रहे हैं। बच्चों की दवाएं वयस्क मरीजों से अलग होती है, इसके लिए इनकी खरीद के टेंडर किए गए हैं। सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में सभी व्यवस्था 30 जुलाई तक पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए टेंडर हो चुके हैं।