देहरादून: उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष और श्रम मंत्री के मध्य छिड़ी रार का असर श्रमिक हितों के लिए संचालित योजनाओं पर भी पड़ा है। विभिन्न योजनाओं में श्रमिकों को सहायता राशि तक नहीं मिल पा रही है। हालांकि, अब श्रम मंत्री डा हरक सिंह रावत ने बोर्ड को निर्देश दिए हैं कि विभिन्न योजनाओं के तहत श्रमिकों के बैंक खातों में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए सहायता राशि भेजी जाए। साथ ही चेताया है कि यदि किसी अधिकारी ने श्रमिक हितों की योजनाएं रोकने का प्रयास किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल की अध्यक्षता में पूर्व में हुई बोर्ड बैठक में बोर्ड की वर्तमान सचिव को हटाने का प्रस्ताव पास किया गया था। बताते हैं कि इस बीच बोर्ड के अध्यक्ष की ओर से शासन के अलावा उन बैंकों को भी पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी गई, जिनमें बोर्ड के खाते हैं। हालांकि, बोर्ड सचिव के बारे में शासन स्तर से कोई निर्णय अभी तक नहीं हुआ है।श्रम मंत्री डा हरक सिंह रावत ने बोर्ड अध्यक्ष के कदम पर नाराजगी जताई थी। उनका कहना था कि किसी भी कार्य के लिए बोर्ड को पहले सरकार से अनुमोदन लेना होगा। बोर्ड के सचिव पद पर मुख्यमंत्री के अनुमोदन से नियुक्ति हुई है। ऐसे में सचिव को हटाने अथवा न हटाने का निर्णय सरकार ही ले सकती है, बोर्ड नहीं।
वहीं, इस रार की वजह से बोर्ड की ओर से श्रमिकों के लिए संचालित विभिन्न योजनाएं और कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। यह बात संज्ञान में आने पर श्रम मंत्री डा रावत ने बोर्ड की सचिव मधु चौहान से वस्तुस्थिति की जानकारी ली। श्रम मंत्री डा रावत के अनुसार उन्होंने सचिव को निर्देश दिए हैं कि वह श्रमिकों को डीबीटी के जरिये सहायता राशि भेजने के संबंध में सहायक श्रमायुक्तों को मांग के अनुसार धनराशि उपलब्ध कराएं। उन्होंने बताया कि सचिव को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि उन बैंकों को भी पत्र भेजकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाए, जिनमें बोर्ड के खाते हैं।