देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस में ओहदों को लेकर चल रही सियासी जंग खत्म हुई तो अब चेहरे पर सियासत शुरू हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को चुनाव अभियान समिति की कमान सौंपे जाने के बाद उनके समर्थक उन्हें विधान चुनाव में मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश कर रहे हैं। ठीक विस चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी छोड़ने वाले नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का मानना है कि कांग्रेस आलाकमान ने अभी कोई चेहरा घोषित ही नहीं किया है। उनकी राय में चुनाव सामूहिक नेतृत्व में होना है और यदि पार्टी का कोई चेहरा है तो वह सोनिया-राहुल हैं। चुनाव में पार्टी के चेहरे को लेकर को विरोधाभासी बयानों से संकेत साफ हो गए हैं कि कांग्रेस में अब चेहरे को लेकर सियासी जंग शुरू हो गई है।
संगठन की कमान हाथों में आने के बाद गणेश गोदियाल के बयानों में सहजता है। अध्यक्ष बनने के बाद किसी खेमे से उनका नाम जोड़े जाने पर उनकी एक ही प्रतिक्रिया है कि वे कांग्रेस के आदमी हैं। कांग्रेस के प्रति अपनी निष्ठा को वे कुछ यूं बयान करते हैं। मुझे राजनीति में सतपाल महाराज लाए। जब तक वह कांग्रेसी रहे, मैं उनका अनुयायी रहा। जब वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए तो मैं उनके साथ नहीं गया। मैं डॉ. हरक सिंह रावत के साथ रहा। लेकिन उनके साथ भाजपा में नहीं गया। मुझे इसी निष्ठा का आज इनाम मिला है। हरीश रावत को चेहरा बनाए जाने के सवाल पर गोदियाल ने कहा, चुनाव कंपेन कमेटी का अध्यक्ष उस चेहरे को बनाया जाता है, जिसकी प्रदेश में सबसे ज्यादा स्वीकार्यता हो। यानी एक तरह से गोदियाल ने भी हरीश रावत को चेहरा बनाए जाने के परोक्ष संकेत दिए। हालांकि उन्होंने मुख्यमंत्री के सवाल पर उनका कहना था कि इस बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष हरीश रावत को बनाया गया है। चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष उस चेहरे को बनाया जाता है, जो प्रदेश में सबसे ज्यादा स्वीकार्य हो। मुख्यमंत्री कौन होगा, यह कहना बहुत जल्दबाजी होगी। हमने सामूहिक प्रयास से कांग्रेस को सत्ता में लाना है।
– गणेश गोदियाल, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
हरीश रावत का चेहरा प्रदेश में सबसे ज्यादा स्वीकार्य
पार्टी विधायक हरीश धामी ने हरीश रावत को चेहरा बनाए जाने को लेकर ज्यादा स्पष्टता के साथ अपनी राय दी। हरीश रावत समर्थक धामी ने कहा कि सबकी मांग थी कि हरीश रावत के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाए और कांग्रेस हाईकमान ने इस पर मुहर लगा दी।
प्रदेश की जनता हरीश रावत को मुख्यमंत्री देखना चाहती है। लेकिन धामी की राय से जुदा नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने साफ कर दिया कि पार्टी ने अभी कोई चेहरा ही घोषित नहीं किया। चुनाव में चेहरे को लेकर सहमति और असहमति की जो शुरुआत हुई है, ये कांग्रेस में एक नई सियासी जंग का आगाज मानी जा रही है।
जो कमेटी घोषित हुई है, उसमें कहीं ऐसा लिखा है कि किसी के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा। जब ऐसा नहीं है तो फिर अपनी तरफ क्यों कयास लगाए जा रहे हैं। चेहरा सामूहिक होगा। चुनाव राहुल और सोनिया गांधी के चेहरे पर होगा।
– प्रीतम सिंह, अध्यक्ष, कांग्रेस विधायक दल(नेता प्रतिपक्ष)