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हरीश की पुकार दलित संभाले उत्तराखंड की सरकार, प्रीतम बोले- बहुत देर कर दी हुज़ूर आते –आते

देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस में दिग्गजों के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और पूर्व सीएम हरीश रावत के बीच चल रहा शीत युद्ध एक बार फिर सतह पर आता दिख रहा है। हरीश रावत के एक बयान के बहाने प्रीतम और किशोर ने उन पर निशाना साधा है।

हरीश रावत की इच्छा पर निशाना साधा

प्रीतम सिंह ने एक दलित के उत्तराखंड के सीएम बनने की हरीश रावत की इच्छा पर निशाना साधा है। उन्होंने इशारों ही इशारों में कहा है कि जरूर बनना चाहिए था, 2002 में बनना चाहिए था, 2012 और 2013 में भी बनना चाहिए था।

यही नहीं प्रीतम सिंह ने कहा है कि ‘बहुत देर कर दी हुजूर आते-आते।’ सियासी जानकार प्रीतम सिंह के इस बयान को हरीश रावत पर तंज के तौर पर देख रहे हैं।

हार का ठिकरा मेरे सिर फोड़ दिया गया: किशोर उपाध्याय

उधर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भी हरीश रावत का नाम लिए बिना उन पर तंज कसा। किशोर का कहना है कि वर्ष 2017 का चुनाव हम क्यों हारे, आज तक इसकी समीक्षा नहीं हुई है।

मैं तो सीधा-साधा आदमी हूं…

अब जब 2022 का चुनाव सामने है तो उसकी विवेचना होनी चाहिए। मैं तो सीधा-साधा आदमी हूं, उस हार का ठिकरा मेरे सिर फोड़ दिया गया।

कभी हरीश रावत के होते थे खास

पार्टी के दो ध्रुव प्रीतम सिंह और किशोर उपाध्याय एक दौर में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खेमे के प्रमुख नेताओं में से थे। लेकिन वर्तमान में प्रीतम पार्टी के एक नए ध्रुव हैं। इसी तरह प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद किशोर उपाध्याय भी पार्टी में एक ध्रुव माने जाते हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि समय के साथ ये दोनों नेता हरीश रावत से दूर होते चले गए।

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Author: nirbhiknazar

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