Nirbhik Nazar

महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद अखाड़ा परिषद का अध्‍यक्ष बनने के लिए दावेदारी शुरू, जानिये श्रीनिर्वाणी अनी अखाड़ा अध्‍यक्ष ने दी क्या चेतावनी…

हरिद्वार : महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में खींचतान बढ़ गई है। हरिद्वार कुंभ से ही नाराज चल रहे वैष्णव अखाड़ों (श्रीनिर्मोही अनी, श्रीनिर्वाणी अनी व श्रीदिगंबर अनी) की तरफ से अध्यक्ष पद पर दावा किया गया है। कहा जा रहा है कि तीनों अखाड़ों में किसी एक के महात्मा को अध्यक्ष बनाया जाए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो वह खुद को अखाड़ा परिषद से अलग कर नया संगठन बनाएंगे। इस नई मांग पर पदाधिकारी मंथन कर रहे हैैं।

अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष पद का रिक्‍त है पद

श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में 20 सितंबर को रहस्यमय परिस्थितियों में हुई महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का पद रिक्त है। नए अध्यक्ष के बारे में महात्मा मंथन कर रहे हैं। महंत की पांच अक्टूबर को होने वाली षोडशी से एक दिन पहले चार अक्टूबर को अखाड़ा परिषद की बैठक बुलाने की तैयारी है, इसमें नए अध्यक्ष का नाम तय किया जाना है। इससे पहले ही नई मांग सामने आ गई है।

Pink and Brown Classic Feminine Beauty Website

श्रीनिर्वाणी अनी अखाड़ा अध्‍यक्ष ने दी चेतावनी

श्रीनिर्वाणी अनी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास कहते हैैं कि बीते मार्च-अप्रैल में हुए हरिद्वार कुंभ में वैष्णव अखाड़ों की उपेक्षा की गई है। हमें उचित जमीन व सुविधाएं नहीं दिलाई गई। हमने तभी परिषद से अलग होने की घोषणा की थी लेकिन पूरी तरह अलग नहीं हुए थे। अब वैष्णव अखाड़ों के संतों को अध्यक्ष पद दिया जाएगा, तभी हम परिषद में शामिल होंगे, अन्यथा हमेशा के लिए अलग हो जाएंगे।

दिगंबन अनी अखाड़ा के अध्‍यक्ष ने कही दो टूट बात

दिगंबर अनी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत रामकिशोर दास कहते हैैं कि संन्यासी अखाड़े के महात्मा पिछले कई वर्षों से अध्यक्ष पद पर काबिज हैं। अब वैष्णव अखाड़ों के संतों को यह पद दिया जाए। इधर अखाड़ा परिषद महामंत्री महंत हरि गिरि कहते हैैं कि सारे अखाड़ों को एकजुट रखना हमारी प्राथमिकता है। सबकी राय लेकर निर्णय लिया जाएगा।

2004 में अध्यक्ष बने थे ज्ञान दास

निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत ज्ञान दास 2004 में अध्यक्ष बने थे। वह 2012 तक इस पद पर रहे। प्रयागराज कुंभ 2013 में श्रीनिर्मल पंचायती अखाड़ा के महंत बलवंत सिंह को अध्यक्ष बनाया गया। वर्ष 2014 में श्रीनिरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि अध्यक्ष बने।

परिषद में शामिल हैं 13 अखाड़े

आदिशंकराचार्य ने सनातन धर्म के संरक्षण व उसके प्रचार-प्रसार के लिए अखाड़ों की स्थापना कराई थी। मौजूदा समय 13 अखाड़े हैं। जूना, निरंजनी, महानिर्वाणी, अग्नि, अटल, आह्वान व आनंद संन्यासी अखाड़े हैं। वैष्णव अर्थात वैरागियों के अखाड़े दिगंबर अनी, निर्वाणी अनी व निर्मोही अनी हैं। उदासीन अखाड़ों में बड़ा उदासीन, नया उदासीन व निर्मल शामिल है। समस्त अखाड़ों को एकजुट करने के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद गठित है। इसमें हर अखाड़े के महात्माओं को प्रतिनिधित्व मिलता है। अध्यक्ष व महामंत्री पद प्रभावशाली रहता है। कुंभ में उनसे राय लेकर शासन-प्रशासन सारी तैयारी कराते हैं।

nirbhiknazar
Author: nirbhiknazar

Live Cricket Score
Astro

Our Visitor

0 7 0 1 6 9
Users Today : 6
Users Last 30 days : 642
Total Users : 70169

Live News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *