नई दिल्ली : बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में वायुसेना के हेलिकॉप्टर क्रैश में देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत का निधन हो गया. हादसे में उनके साथ उनकी पत्नी और अन्य 11 लोगों की भी मौत हो गई. जिस वक्त हादसा हुआ, हेलिकॉप्टर में 14 लोग सवार थे, जिनमें से 13 की मौत हो गई जबकि एक ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का सेना के अस्पताल में इलाज चल रहा है.
साजिश का शक, NIA से जांच की मांग
बुधवार को पूरे देश में इसी को लेकर हलचल रही. इसी बीच अब इस घटना में साजिश का भी शक जताया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्व ब्रिगेडियर सुधीर सावंत ने हेलिकॉप्टर क्रैश मामले में साजिश का शक जताया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह हादसा नहीं साजिश है. LTT के स्लीपर सेल इसके पीछे हो सकते हैं क्योंकि जहां हादसा हुआ है वह LTT का ही इलाका है. पूर्व ब्रिगेडियर सुधीर सावंत ने घटना की NIA से जांच कराने की मांग की है.
वायुसेना ने दिया जांच का आदेश
हादसे के तुरंत बाद ही वायुसेना ने जांच का आदेश दे दिया था. अब वायुसेना अपने स्तर पर हादसे के कारणों का पता लगा रही है. हालांकि, यह हादसा कैसे हुआ और इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं है, इसे लेकर अभी तक वायुसेना की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. बता दें कि जब हादसा हुआ तब जनरल बिपिन रावत वेलिंगटन (नीलगिरी पहाड़ी) स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज (डीएसएससी) जा रहे थे, जहां उन्हें शिक्षकों और छात्रों को संबोधित करना था.
Mi-17V5 में सवार थे रावत
जनरल बिपिन रावत दुर्घटनाग्रस्त हुए वायुसेना के एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर में सवार थे. उनके साथ उनकी पत्नी भी थीं. वायुसेना की तरफ से बताया गया कि इस दुर्घटना में डीएसएससी के डायरेक्टिंग स्टाफ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह एससी घायल हैं और फिलहाल सैन्य अस्पताल, वेलिंगटन में उनका उपचार चल रहा है. वायुसेना ने ट्वीट कर बताया, “बहुत ही अफसोस के साथ इसकी पुष्टि हुई है कि दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हेलिकॉप्टर सवार जनरल बिपिन रावत, मधुलिका रावत और 11 अन्य की मृत्यु हो गई है.”
कब हुआ हादसा?
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि निकटवर्ती कोयंबटूर के सुलुर वायुसैनिक अड्डे से रावत और अन्य को लेकर हेलिकॉप्टर ने पूर्वाह्न 11 बजकर 48 मिनट पर उड़ान भरी थी और उसे 45 मिनट बाद उधगमंडलम में वेलिंगटन के डीएसएससी में उतरना था. उन्होंने बताया कि दुर्घटना दोपहर 12 बजकर 22 मिनट पर हुई. इससे पहले सीडीएस दिल्ली से पूर्वाह्न 11 बजकर 34 मिनट पर एंबरर विमान से वायुसेना के अड्डे पहुंचे थे.