देहरादून: विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदारों के नामों पर रायशुमारी के लिए 70 विधानसभा क्षेत्रों में भेजे गए पर्यवेक्षकों ने भाजपा प्रदेश नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक, हर विधानसभा सीट पर 10 से 12 दावेदारों के नामों की सूची दी गई है। अब पार्टी का कोर ग्रुप अगले दो-तीन दिन में बैठेगा और हर सीट पर तीन-तीन नामों के पैनल तैयार करेगा। अगले दो-तीन दिन में पार्टी के कोर ग्रुप की बैठक हो सकती है। केंद्रीय संसदीय बोर्ड की तरह प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की अध्यक्षता में गठित प्रदेश चुनाव समिति जो एक तरह का कोर ग्रुप है, पर्यवेक्षकों के नामों पर मंथन करेगा। हर विधानसभा सीट पर जातीय, क्षेत्रीय और चुनावी समीकरणों के अनुसार तीन-तीन नाम छांटे जाएंगे।
टिकट की दौड़ में 800 से ज्यादा दावेदार
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सभी 70 विधानसभा सीटों से करीब 800 से अधिक नाम आए हैं। 30 प्रतिशत सीटों पर महिलाओं ने भी दावेदारी की है। पर्यवेक्षकों के समक्ष विधायक, पूर्व प्रत्याशी, मंडल अध्यक्ष, पूर्व दर्जाधारियों ने टिकट की दावेदारी की है।
पर्यवेक्षकों ने भांपा सत्तारोधी रुझान
रायशुमारी के दौरान पार्टी के पर्यवेक्षकों ने हर विधानसभा सीट पर सत्तारोधी रुझान का भी आकलन किया। नामों की सूची देने के साथ उन्होंने पार्टी नेतृत्व को इस बारे में अलग से फीडबैक दिया है। इसी हफ्ते प्रदेश संगठन सभी 70 विधानसभा सीटों पर दावेदारों के नामों का पैनल केंद्रीय संसदीय बोर्ड को भेज देगी। प्रत्याशियों के नामों पर अंतिम निर्णय संसदीय बोर्ड को ही लेना है।
कुछ विधायकों का टिकट कटेगा
सर्वेक्षण रिपोर्ट, केंद्रीय नेताओं को प्राप्त फीड बैक के बाद संकेत हैं कि पार्टी के कुछ विधायकों का टिकट कट सकता है। जिन विधायकों के खिलाफ सत्तारोधी रुझान अधिक है, उन्हें उनके प्रभाव वाली दूसरी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ना का विकल्प दिया जा सकता है। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक 21 जनवरी से पहले भाजपा के प्रत्याशियों की पहली सूची हर हाल में आ जाएगी।
पार्टी ने प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। पर्यवेक्षक विधानसभा क्षेत्रों से रायशुमारी करके लौट आए हैं। जो नाम लेकर वे आए हैं, उनके पैनल केंद्रीय संगठन को भेजे जाएंगे। पार्टी का केंद्रीय संसदीय बोर्ड प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करेगा। 21 जनवरी से पूर्व प्रत्याशियों की पहली सूची आ सकती है।
– मदन कौशिक, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
डोईवाला से फिर चुनाव लड़ना चाहते हैं त्रिवेंद्र सिंह रावत
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत डोईवाला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्होंने पार्टी नेतृत्व को अपनी इच्छा जाहिर कर दी है। उनका कहना है कि पार्टी जो निर्णय करेगी, उसका पालन करेंगे। वह पार्टी के सच्चे सिपाही हैं। पार्टी ने प्रत्याशी चयन को लेकर पर्यवेक्षक भेजे थे, जिन्होंने हर विधानसभा सीट पर दावेदारी को लेकर रायशुमारी की। डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से भी छह से सात नेताओं की दावेदारी की चर्चा है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का बयान आया है कि वह डोईवाला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
त्रिवेंद्र डोईवाला से तीन बार के विधायक हैं। 2002, 2007 व 2017 में वह इस सीट से चुनाव जीते। 2012 में उन्होंने रायपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और बेहद करीबी अंतर से चुनाव हार गए थे। उन्हें चुनाव में हराने वाले उमेश शर्मा काऊ अब भाजपा के विधायक हैं।
मुख्यमंत्री रहते हुए त्रिवेंद्र ने अपने चुनाव क्षेत्र के विकास पर काफी फोकस किया, लेकिन पद से हटने के बाद राजनीतिक स्थितियां बदल गई। पिछले काफी समय से उनके चुनाव लड़ने को लेकर जो सस्पेंस बना है, उसे आज त्रिवेंद्र ने यह कहकर दूर करने का प्रयास किया कि वह डोईवाला से चुनाव लड़ने को तैयार हैं और पार्टी नेतृत्व से अपनी इच्छा जाहिर कर चुके हैं। बकौल त्रिवेंद्र अब यह पार्टी का निर्णय है कि वह उन्हें चुनाव लड़ाती है या किसी नए चेहरे को अवसर देती है। वह पार्टी के सिपाही है, जो जिम्मेदारी मिलेगी, उसे निभाएंगे।