देहरादून: भाजपा से छह साल के लिए बर्खास्त किए गए पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी पर पेच फंसते जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत उनकी वापसी को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए हैं। वहीं अब कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी हरक की वापसी को लेकर विरोध शुरू कर दिया है। मंगलवार को कांग्रेस भवन में पार्टी के सीनियर आब्जर्वर मोहन प्रकाश की मौजूदगी में कांग्रेसियों ने हरक कर वापसी के खिलाफ प्रदर्शन किया। कांग्रेस में बढ़ते विरोध के कारण हरक सिंह रावत की तीसरे दिन भी कांग्रेस में वापसी नहीं हो पाई। कांग्रेस से घात करने वालों की न हो वापसी मंगलवार शाम कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी मुख्यालय में सीनियर आब्जर्वर मोहन प्रकाश की मौजूदगी में हरक की वापसी के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने मोहन प्रकाश से मुलाकात कर हरक को वापस लेने का विरोध किया।
उधर, राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने भी हरक की वापसी का विरोध करते हुए कहा कि, आज कई नेताओं को अपने स्वार्थ लिए दल बदल से परहेज नहीं है। चाहे इसके लिए उन्हें विचारधारा ही क्यों न छोड़नी पड़े। धारचूला के विधायक हरीश धामी ने कहा कि, जिस वक्त कांग्रेस को इनकी जरूरत होती है, यह कांग्रेस को कमजोर करते हैं। इन्हेंमाफ नहीं किया जाना चाहिए।
उजाड़ू बल्द पार्टी में वापस न लिये जाएं: नवप्रभात
पूर्व मंत्री और कांग्रेस मेनीफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष नवप्रभात ने कहा है कि, 2016 में कांग्रेस और प्रदेश में जिन्होंने प्रायोजित संकट खड़ा किया, उसे न कांग्रेस भूल सकती है और न जनता। कहा कि, उजाड़ु बल्द पार्टी में किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिए जाने चाहिए।