लखनऊ : यूपी में चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया हैं । आपको बता दें की चुनाव आयोग ने शिक्षामित्रों ,रोजगार सहायकों, अनुदेशकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मतदान कर्मी के रूप में तैनाती को लेकर बड़ा फैसला सुनाया हैं। चुनाव आयोग ने शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और आंगनबाड़ी समेत सभी कार्मिकों को आरक्षित पूल में रखने के निर्देश दिए हैं। इसका मतलब यह है कि नियमित सरकारी कर्मियों के बाद ही जरूरत के हिसाब से इनकी तैनाती की जाएगी।
जानिए उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की ड्यूटी कब लगेगी
विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों व अनुदेशकों आदि की ड्यूटी तभी लगाई जाएगी, जब सभी नियमित सरकारी कार्मिकों को निर्वाचन कार्य में लगा देने के बाद भी कार्मिकों की जरूरत होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के विशेष कार्याधिकारी ने इस संबंध में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। उधर, शिक्षामित्र संघ ने इसका विरोध भी किया है।
विशेष कार्याधिकारी रमेश चंद्र राय ने जिलों को भेजे आदेश में लिखा है कि विधानसभा चुनाव में शिक्षामित्र, रोजगार सहायक, अनुदेशक, आंगनबाड़ी कार्मिक व अन्य समकक्ष को मतदान कार्मिक के रूप में तैनात करने के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश जारी किए हैं। उसमें कहा गया है कि ऐसे कार्मिकों की ड्यूटी संबंधित जिलों में केवल उसी स्थिति में लगाई जाएगी, जब जिले की ओर से यह प्रमाणित किया जाए कि मंडलीय पूल से मिले नियमित सरकारी कार्मिकों को पूरी तरह से लगा दिया गया है। यह भी निर्देश है कि जहां तक संभव हो, उक्त कार्मिकों को आरक्षित पूल में रखा जाए। जरूरत पड़ने पर शिक्षामित्रों को मतदान अधिकारी द्वितीय और अन्य कर्मियों को मतदान अधिकारी तृतीय के रूप में लगाया जाएगा।
चुनाव आयोग के फैसले के मुताबिक, शिक्षामित्रों, महिला शिक्षामित्रों, रोजगार सहायकों, अनुदेशकों, आंगनबाड़ी कार्मिकों और अन्य सकमक्ष को मतदान कार्मिक के रूप में तैनाती के सबंध में तीन निर्देश दिए गए हैं।
- ऐसे कार्मिकों की ड्यूटी संबंधित जनपद द्वारा केवल इस स्थिति में लगाई जाएगी जब जनपद द्वारा यह प्रमाणित किया जाए कि मंडलीय पूल से प्राप्त नियमित सरकारी कार्मिकों को पूर्णत: यूटिलाइज कर लिया गया है.
- जहां तक संभव हो उक्त कार्मिकों को आरक्षित पूल में रखा जाए.
- शिक्षा मित्रों को मतदान अधिकारी द्वितीय तथा अन्य कार्मियों को केवल मतदान अधिकारी तृतीय के रूप में लगाया जाए।