पिथौरागढ़ : टिकट नहीं मिलने पर पूर्व विधायक नारायण राम आर्य ने पूर्व सीएम हरीश रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। 2016 में संकट में आई रावत सरकार को बचाने में अपने योगदान को याद कराते हुए कहा कि जिसे आका समझा वही फरेबी निकला। कांग्रेस की यही नीति रही तो देश में पार्टी चलने वाली नहीं है। राजनीति भी बहुत ही निराली चीज है। कल तक जो टिकट पाने के लिए नेता जी के आगे-पीछे दौड़ रहे थे। पत्ता कटने पर वही आज पानी पी पीकर कोस रहे हैं। पर इसे हाईकमान की मजबूरी कहें या पार्टी की जरूरत। जाति, वर्ग, कुर्सी, धन सहित न जाने कितने मुद्दों को ध्यान में रखकर समीकरण बिठाने पड़ते हैं। तब जाकर टिकट फाइनल हो पाता है। इसलिए वह भी नाराजगी झेलने को पहले से मन भी बना चुके होंते हैं।
रविवार को वार्ता में दो बार विधायक रहे नारायण राम आर्य ने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें निराश किया है। वह चालीस साल से कांग्रेस के सिपाही हैं। 2016 के 26 विधायक हरीश रावत के साथ रहे। तब भाजपा ने हमें तमाम तरह के प्रलोभन दिए। तब अस्वस्थ रहने के बाद भी हरीश रावत ने सीएम आवास में एक कमरे में मुझे एक माह तक कैद रखा। जिसे हमने अपना आका समझा था वही इस समय चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष हैं। इसके बाद भी मुझे टिकट नहीं दिया। आज बाहरी व्यक्ति (खजान गुड्डू) को टिकट दे दिया गया है। वह गंगोलीहाट का स्थाई निवासी तक नही हैं। धनबल के आधार पर उसे टिकट दिया गया है। इस तरह कांग्रेस देश में नहीं चलेगी। कांग्रेस के पतन का मुझे दुख है।