देहरादून: नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही भाजपा बागियों को साधने को लेकर सक्रिय हो गई है। फिलवक्त, भाजपा को प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों पर बागी तेवरों से दो-चार होना पड़ रहा है। इन पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध 15 कायकर्त्ताओं ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। टिकट वितरण के बाद से ही पार्टी असंतोष की चिंगारी को बुझाने की कोशिशों में जुटी है। अब निर्दल नामांकन कराने वालों को साधने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। इसके लिए दो स्तर यानी डबल इंजन का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक तरफ पार्टी संगठन तो दूसरी तरफ अधिकृत प्रत्याशी। बागी नेताओं के ऐसे संपर्क खोजे जा रहे, जिनके माध्यम से उन्हें नाम वापसी के लिए तैयार किया जा सके।
सांगठनिक तौर पर राज्य में भाजपा मजबूत स्थिति में नजर आती है। बावजूद इसके टिकट वितरण के बाद पार्टी संगठन में जगह-जगह असंतोष के सुर भी उभरे हैं। भाजपा ने 20 जनवरी को अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की थी। 26 जनवरी को दूसरी और 28 जनवरी की सुबह तीसरी व अंतिम सूची जारी की गई। यद्यपि, पहली सूची जारी होने के बाद से ही पार्टी राजनीतिक आपदा प्रबंधन में जुट गई थी। इसके कुछ सार्थक परिणाम जरूर आए, लेकिन 11 सीटों पर असंतोष अभी थमा नहीं है। नाराज कार्यकत्र्ताओं द्वारा इन सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कराए गए नामांकन इसकी तस्दीक करते हैं। अब बागी तेवर अपनाने वालों को मनाने के लिए ताकत झोंकी जा रही है। इस बीच टिहरी से पार्टी विधायक ने पाला बदल कर लिया, जबकि 11 सीटों पर भाजपा कार्यकर्त्ताओं ने निर्दल ताल ठोकी है। डोईवाला सीट पर सबसे अधिक चार, यमुनोत्री में दो और अन्य सीटों पर निर्दल के तौर पर एक-एक कार्यकर्त्ता ने नामांकन कराया है।
बगावती तेवर के पीछे मंतव्य
विभिन्न सीटों पर बागी तेवर अपनाने वाले कार्यकर्त्ताओं का मंतव्य भी स्पष्ट है। इनमें कुछ कार्यकर्त्ता तो पहले ही ठान चुके थे कि यदि पार्टी टिकट नहीं देती है तो वे चुनाव में ताल ठोकेंगे। अलबत्ता, कुछ की मंशा ये भी मानी जा सकती है कि यदि पार्टी सत्ता में आती है तो उन्हें कुछ ओहदा मिल जाए।
मनाने को तेज हुई कसरत
बागियों को मनाने के लिए पार्टी ने प्रांतीय पदाधिकारियों के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्रियों व सांसदों को मोर्चे पर लगाया है। उनसे निरंतर बातचीत का क्रम शुरू किया गया है। वह लोग तलाशे जा रहे, जिनकी बात को बागी आसानी से टाल नहीं सकते। कुछ को सत्ता में आने पर सम्मानजनक पद देने का वास्ता भी दिया जा रहा है। देखने वाली बात होगी कि पार्टी इसमें कितना सफल हो पाती है।
31 जनवरी पर टिकी नजरें
बागी तेवर अपनाने वालों को मनाने के दृष्टिकोण से भाजपा के लिए अगले दो दिन काफी महत्वपूर्ण रहने वाले हैं। 31 जनवरी को नाम वापसी की तिथि है। यदि इस दिन बागियों ने नाम वापस नहीं लिए तो कुछ जगह मुश्किल भी हो सकती है।
ये हैं बीजेपी के 11 बागी जिनहोने निर्दलीय किया नामांकन
- रुद्रपुर :- विधायक राजकुमार ठुकराल
- कोटद्वार :- धीरेंद्र चौहान
- द्वारहाट :- कैलाश भट्ट
- भीमताल :- मनोज शाह
- कालाढूंगी :- गजराज सिंह बिष्ट
- देहरादून कैंट :- दिनेश रावत
- धर्मपुर :- वीर सिंह पंवार
- डोईवाला :- सौरभ थपलियाल, जितेंद्र नेगी, सुभाष भट्ट व राहुल पंवार
- ऋषिकेश :- उषा रावत
- धनोल्टी :- पूर्व विधायक महावीर रांगड़
- यमुनोत्री :- मनोज कोली, जगवीर भंडारी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने बताया कि जिन सीटों पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के विरुद्ध कार्यकर्त्ताओं ने नामांकन कराए हैं, उनसे लगातार बातचीत चल रही है। सभी को मना लिया जाएगा और वे तय तिथि को अपने नाम वापस लेकर पार्टी प्रत्याशियों की जीत के लिए जी-जान से जुटेंगे।