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5 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन देहरादून में बिहारी महासभा करेगी भव्य सरस्वती पूजन समारोह, पूजा के लिए BMS ने की नई कार्यसमिति जारी

देहरादून –बिहारी महासभा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सरस्वती पूजा का आयोजन करेगी । बिहारी महासभा के एक बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कोविड् को देखते हुए इस वर्ष भी पिछले वर्ष की भांति पूजा के स्वरूप में बदलाव किया जाएगा पूजा में संख्या सीमित रखी जाएगी एवं खुले प्रसाद का वितरण नहीं किया जाएगा । भंडारे को भी सीमित किया जाएगा इसके अलावा कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत नहीं किए जाएंगे। उत्तराखंड सरकार और भारत सरकार के कोरोना गाइडलाइन का अक्षर से पालन किया जाएगा इन सभी शर्तों को ध्यान में रखकर बिहारी महासभा आगामी 5 फरवरी को बसंत पंचमी का कार्यक्रम करेगी ।

माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विद्या और कला की देवी सरस्वती जी की पूजा का विधान है। बसंत पंचमी से वसंतोत्सव की शुरुआत हो जाती है। ये वसंतोत्सव होली तक चलता है । इस उत्सव को मदनोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है । इस उत्सव की शुरुआत रतिकाम महोत्सव से होती है। इस साल बसंत पंचमी का पर्व 5 फरवरी 2022 को मनाया जाएगा।

शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के ही दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की भी रचना की थी। इसलिए इस दिन से नए कार्यों की शुरुआत करना अच्छा माना जाता है। विशेषतौर पर कोई नई विद्या आरंभ करना, कोई नया काम शुरू करना, बच्चों का मुंडन संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार, गृह प्रवेश या अन्य कोई शुभ काम करना बड़ा ही अच्छा माना जाता है। 

बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त

पंचमी तिथि प्रारंभ- 5 फरवरी तड़के 3 बजकर 48 मिनट से शुरू

पंचमी तिथि समाप्त- 6 फरवरी तड़के 3 बजकर 46 मिनट तक

बसंत पंचमी पर ऐसे करें सरस्वती पूजन

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने के लिए सबसे पहले एक जगह को साफ कर लें और सरस्वती की प्रतिमा रखें। कलश स्थापित कर सबसे पहले भगवान गणेश का नाम लेकर पूजा करें।  सरस्वती माता की पूजा करते समय सबसे पहले उन्हें आमचन और स्नान कराएं। माता को पीले रंग के फूल अर्पित करें, माला और सफेद वस्त्र पहनाएं फिर मां सरस्वती का पूरा श्रृंगार करें। माता के चरणों पर गुलाल अर्पित करें। सरस्वती मां पीले फल या फिर मौसमी फलों के साथ-साथ बूंदी चढ़ाएं।  माता को मालपुए और खीर का भोग लगाएं। सरस्वती ज्ञान और वाणी की देवी हैं। पूजा के समय पुस्तकें या फिर वाद्ययंत्रों का भी पूजन करें।

कई लोग बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का पूजन हवन से करते हैं। अगर आप हवन करें तो सरस्वती माता के नाम से ‘ओम श्री सरस्वत्यै नम: स्वहा” इस मंत्र से एक सौ आठ बार जाप करें, साथ ही संरस्वती मां के वंदना मंत्र का भी जाप करें।

मां सरस्वती मंत्र

ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।।
कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।
वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।।
रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।
सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।।वन्दे भक्तया वन्दिता च ।।

सरस्वती वंदना

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥२॥

बसंत पंचमी के दिन करें छोटे बच्चों का अन्नाप्राशन संस्कार

जो लोग अपने छोटे बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार करवाना चाहते हैं, वो बसंत पंचमी के दिन कर सकते हैं। दरअसल, जो बच्चे अभी तक केवल अपनी माता का दूध पीते हैं, लेकिन अब आप उन्हें अन्न खिलाना शुरू करना चाहते हैं, तो आज का दिन बड़ा ही अच्छा है।

बसंत पंचमी के दिन दूध चावल की खीर बनाकर सबसे पहले देवी सरस्वती को उसका भोग लगाएं । फिर बच्चे को नये कपड़े पहनाकर, लकड़ी की चौकी पर बिठाकर, चांदी की कटोरी में चांदी की चम्मच से घर के बड़े-बुजुर्ग अपने हाथ से बच्चे को खीर खिलाएं। अगर चांदी की कटोरी और चम्मच में खिलाना संभव न हो तो घर में मौजूद स्टील की कटोरी, चम्मच से भी खिला सकते हैं।

बसंतपंचमी पूजा के लिए BMS की नई कार्यसमिति की सूची

  • बिहारी महासभा के कोर कमेटी की बैठक में अध्यक्ष महोदय की अनुमति से निम्नलिखित पदाधिकारियों को उनके नाम के सम्मुख व्यवस्था में रहने का अनुरोध किया है
  • आय व्यय एवं कोष संबंधी व्यवस्था में कोषाध्यक्ष रितेश जी के साथ देवेंद्र जी शांडिल्य जी डॉ रंजन कुमार अध्यक्ष महोदय रहेंगे
  • भोजन व्यवस्था में सत्येंद्र सिंह जी, डॉक्टर रंजन कुमार क्रय विक्रय एवं व्यवस्था में आलोक जी।
  • पूजा व्यवस्था में अमरेंद्र जी, सुनिल झा जी ,विद्या जी , प्रभात जी।
  • निमंत्रण पत्र e card  वितरण में प्रभात जी, आलोक जी,  ओमकार त्रिपाठी जी, गिरी जी, राजेश कुमार जी, राकेश रंजन जी।
  • मूर्ति साथ सजा व्यवस्था में धर्मेंद्र जी गणेश जी रघु जी विनय जी सुरेश ठाकुर जी
  • मूर्ति विसर्जन का कार्यक्रम बिनय जी के नेतृत्व में समस्त गोविंदगढ़ की टीम प्रेम नगर की टीम रहेगी इसमें शंकर दास जी मनोज साहनी जी धर्मेंद्र जी सुरेश ठाकुर जी की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी इनके साथ गोविंदगढ़ की कमेटी रहेगी ।
  • प्रचार प्रसार की व्यवस्था में डिजिटल प्रचार प्रसार विनय जी अध्यक्ष महोदय के नेतृत्व में देखेंगे इसमें ओंकार त्रिपाठी जी बैनर होर्डिंग्स डिजिटल बनवा कर ग्रुप सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार करेंगे इसके लिए पुराने सरस्वती पूजा का डिजिटल बैनर होर्डिंग प्रयोग में लाया जा सकता है ।
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Author: nirbhiknazar

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