देहरादून: लता मंगेशकर…ये वो शख्सियत हैं, जो भले ही आज हमारे बीच नहीं रहीं। पर, उनकी आवाज हमेशा ही हमारे दिलों में बसी रहेंगी। उनकी शख्सियत हर दिल में जिंदा रहेंगी। सुर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से न सिर्फ देश, बल्कि उत्तराखंड भी शोक में है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें भावभीन श्रद्धांजलि दी।
देश के लिए उनका जाना अपूरणीय क्षति
सीएम धामी ने ट्वीट कर लिखा, स्वर कोकिला, सुर साम्राज्ञी, ख्यातिलब्ध पार्श्व गायिका ‘भारत रत्न’ लता मंगेशकर के निधन की खबर से मन अत्यंत दुखी है। वे संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थी और उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है।
स्वर कोकिला, सुर साम्राज्ञी, ख्यातिलब्ध पार्श्व गायिका 'भारत रत्न' लता मंगेशकर जी के निधन की खबर से मन अत्यंत दुखी है। वे संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थी और उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है।#LataMangeshkar pic.twitter.com/CVPS1f0iXt
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 6, 2022
मुंबई के ब्रीच अस्पताल में हुआ निधन
भारत रत्न से सम्मानित महान गायिका लता मंगेशकर 92 वर्ष की आयु में रविवार को निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आठ बजकर 12 मिनट पर अंतिम सांस ली। उनकी मौत का कारण मल्टी आर्गेन फेलियर बताया गया। बता दें कि लता मंगेशकर पिछले 29 दिनों से वो कोरोना से जंग लड़ रही थीं, जिसके बाद आज स्वर कोकिला ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
विदेशी भाषाओं में भी रिकार्ड किए थे गाने
लता मंगेशकर…इस हस्ती को कोई भुला नहीं पाएगा। उनकी आवाज में एक अलग ही सुकून था। उनके गाने हमेशा हमारे बीच रहेंगे। ये वो हस्ती हैं, जिन्होंने न सिर्फ भारतीय भाषाओं, बल्कि कुछ विदेशी भाषाओं में भी गाने रिकार्ड किए थे। उन्हें अपने करियर में कई सम्मानों से नवाजा गया है। 1987 में भारत सरकार ने उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया गया। 2001 में, राष्ट्र में उनके योगदान के सम्मान में, उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था और यह सम्मान प्राप्त करने के लिए एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी के बाद केवल दूसरी गायिका रहीं।