देहरादून: उत्तराखंड मे विधानसभा चुनाव समाप्त हो चुके हैं अब रिज़ल्ट का इंतज़ार है एक तरफ चुनाव के बाद से जहां कांग्रेस उत्तराखंड मे पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा लगातार कर रही है वहीं बीजेपी भीतरघात से असहज नज़र आ रही है और तारीफ की बात तो ये है की बीजेपी प्रत्याशियों विधायकों द्वारा लगाए गए भीतरघात के आरोप सुनकर और जानकार भी बीजेपी आज तक चुप है अब तक बीजेपी ने किसी के खिलाफ न तो कदम उठाया और न ही पार्टी स्तर से जांच की बल्कि नेता ये जरूर कह रहे हैं की अगर पार्टी मे किसी को कोई आपत्ति है तो वो अपनी बात पार्टी फोरम मे रखे। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत का तो ये भी कहना है की मीडिया मजे लेने के लिए भाजपा मे भीतरघात दिखा रहा है। यानि मतलब बिलकुल साफ है की भाजपा उम्मीदवार खुद सोशल मीडिया पर भीतरघात वाली वीडियो डालकर पार्टी की फजीहत कराने मे लगे हैं और उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत आरोप मीडिया पर लगा रहे हैं की मीडिया मजे लेने के लिए ऐसी खबरों को टूल दे रहा है । शायद भाजपा हाईकमान 10 मार्च के बाद ही इस पर कोई फैसला लेगा और अगर उत्तराखंड मे भाजपा हारी तो फिर ठिंकरा आरोपियों पर फोड़ा जाए।
आपको बता दें 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद सबसे पहले विधायक संजय गुप्ता ने प्रदेश अध्यक्ष कौशिक पर ही लक्सर समेत हरिद्वार के अन्य कुछ सीटों पर भितरघात के आरोप मढ़ दिया था। इससे भाजपा हाईकमान भी असहज हो गया था। पार्टी ने पहले विधायक से इस मामले में साक्ष्य मांगने का फैसला लिया था, लेकिन फिलहाल इसे टाल दिया। विधायक संजय गुप्ता के इस आरोप के बाद भाजपा के विधायक कैलाश गहतोड़ी, विधायक हरभजन सिंह चीमा, केदार रावत और विशन सिंह चुफाल ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में भितरघात होने के का मुद्दा उठाया था। जब इस बारे मे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से पूछा गया तो उन्होने साफ कहा है अगर किसी प्रत्याशी या विधायक को किसी तरह की कोई दिक्कत है तो वो पार्टी फोरम मे लिखकर दे इसकी जांच कराई जाएगी। वहीं जब प्रदेश अध्यक्ष से भाजपा मे भीतरघात के आरोपियों पर चुप्पी साधने के बारे मे पूछा गया तो उन्होने सिर्फ एक अलफाज कहा की नो कमेंट्स….
वहीं पूरे मामले पर कांग्रेस का कहना है की भाजपा मे भीतरघात ये उनका निजी मामला है लेकिन खुलकर लग रहे आरोपों पर भाजपा पार्टी की किरकिरी के डर से कोई कार्यवाई नहीं कर रही । क्योंकि भाजपा मे भीतरघात के आरोपी खुद प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी हैं।