नई दिल्ली: रूस के हमले के बाद यूक्रेन में रह रहे भारतीय विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर देश भर में चिंता बढ़ गई है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने विद्यार्थियों से कहा है कि वे शांत रहें और जहां भी हों सुरक्षित रहें। इस बीच अभिभावकों के साथ कई राज्य सरकारों ने विद्यार्थियों की सुरक्षित वापसी की मांग की है। गुजरात, कर्नाटक, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और केरल की सरकारों ने वहां मौजूद भारतीय छात्रों और अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार से दखल देने की मांग की है।
उन्होंने अपील की है कि उन्हें जल्द से जल्द वहां से निकाला जाए। केरल ने भी चिंता जताई है। गुजरात सरकार ने अभी भी यूक्रेन में फंसे राज्य के छात्रों की सही संख्या बताई नहीं है। मगर राज्य के कई छात्र यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे हैं। गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने गुरुवार को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार और साथ ही यूक्रेन में भारतीय दूतावास छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि राज्य के कम से कम दस छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं और सरकार उन्हें सुरक्षित घर वापस लाने के लिए वहां भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय के साथ मिल कर काम कर रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने यूक्रेन में फंसे पंजाबियों सहित अन्य भारतीयों को बचाने और उनकी सुरक्षित वापसी के लिए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच इस पूर्वी यूरोपीय देश में फंसे उत्तराखंड के नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय से बातचीत की है।
केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी वी सतीशन ने यूक्रेन में फंसे राज्य के लोगों की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर को एक पत्र लिखा। पत्र में विपक्ष के नेता ने कहा है कि करीब बीस हजार भारतीय, जिनमें अधिकतर मलयाली हैं, यूक्रेन में फंसे हुए हैं। तथा उड़ानों की कमी एवं बढ़ते किराए के चलते खासकर विद्यार्थी विमान किराया देने में असमर्थ हैं। सतीशन ने कहा ‘युद्ध तेज होने के बीच यूक्रेन ने भी अपने बड़े हवाईअड्डों को बंद करना शुरू कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद के सुधारकरन ने भी बुधवार को ऐसा ही एक पत्र केंद्रीय मंत्री को भेजा था। केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने भी यूक्रेन में भारतीयों के समक्ष पेश आ रही समस्याओं का जिक्र किया है।