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अभियुक्तों को बचाने के लिए, महिला ने जज के खिलाफ हाईकोर्ट में दर्ज कराई झूठी शिकायत, हो गई गिरफ्तारी…

अल्मोड़ा: उत्तराखंड के अल्मोड़ा  के एक जज के खिलाफ हाईकोर्ट में झूठी शिकायत दर्ज करने के मामले में विजिलेंस टीम नैनीताल ने एक महिला को गिरफ्तार कर लिया है. फर्जी तरीके से जमीन की खरीद फरोख्त के मामले में महिला और उसके साथी के खिलाफ अल्मोड़ा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. अभियुक्तों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए महिला की मदद से जज के खिलाफ हाईकोर्ट (High Court) में झूठी शिकायत दर्ज कराई थी. विजिलेंस टीम ने बुधवार को महिला को हल्द्वानी से गिरफ्तार करने के बाद गुरुवार को सीजेएम अल्मोड़ा की कोर्ट में पेश किया. वहां से महिला को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जिला जेल भेजा गया है.

2011 में आशा नाम की एक महिला ने अपने साथी चंद्रमोहन सेठी के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों की मदद से अल्मोड़ा में एक जमीन खरीदी थी. मामले का खुलासा होने पर आशा और चंद्रमोहन के खिलाफ कोतवाली अल्मोड़ा में मुकदमा दर्ज किया गया था. मामला अभिषेक कुमार श्रीवास्तव सिविल जज, सीनियर डिवीजन अल्मोड़ा की कोर्ट में पहुंचा. चंद्रमोहन सेठी के उस दौरान कनाडा जाने के कारण कोर्ट ने आशा और चंद्रमोहन सेठी की फाइल अलग करने के निर्देश दिए और आशा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया.

गिरफ्तारी से बचने के लिए पति के साथ मिलकर बनाया प्लान

अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए आशा ने अपने पति एबी प्रेमनाथ के साथ मिलकर संत नगर बुराड़ी, दिल्ली की रहने वाली कुसुम यादव की मदद से जज अभिषेक कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ एक शिकायती पत्र नैनीताल हाईकोर्ट में दिया. उसका आरोप था कि आरोपी चंद्रमोहन सेठी के वाहनों से जज अभिषेक कुमार श्रीवास्तव और उनके परिजनों को दिल्ली के कई स्थानों पर ले जाया गया. इसी लाभ के लिए जज ने सेठी की फाइल अलग कर दी और उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. इस आरोप के आधार पर हाईकोर्ट नैनीताल ने न्यायाधीश अभिषेक श्रीवास्तव को निलंबित कर देहरादून संबद्ध कर जांच हाईकोर्ट विजिलेंस नैनीताल को सौंप दी.

हाईकोर्ट विजिलेंस की जांच में जज अभिषेक कुमार श्रीवास्तव पर लगाए गए आरोप झूठे निकले. हाईकोर्ट ने मामले में संज्ञान लेकर रजिस्ट्रार जनरल हाईकोर्ट नैनीताल को एसपी विजिलेंस हाईकोर्ट के माध्यम से सतकर्ता अधिष्ठान हल्द्वानी नैनीताल में अभियुक्त के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच करने के निर्देश दिए. मुकदमा दर्ज कर विजिलेंस के निरीक्षक मनोहर सिंह दशौनी को विवेचना सौंपी गई.

कुसुम को पुलिस ने हल्द्वानी से किया गिरफ्तार

विवेचक मनोहर सिंह दशौनी ने बताया कि विवेचना के दौरान खुलासा हुआ कि आशा यादव, एबी प्रेमनाथ और कुसुम चौधरी ने षडयंत्र के तहत हाईकोर्ट में जज अभिषेक कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ झूठी शिकायत की थी. इनके नाम से एक फर्जी मेल आईडी भी बनाकर उत्तराखंड के विभिन्न न्यायिक अधिकारियों को भेजी गई. कुछ समय बाद आशा यादव और एबी प्रेमनाथ को हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे मिल गया. कुसुम यादव को गिरफ्तारी स्टे नहीं मिला. 23 फरवरी को कुसुम हल्द्वानी पहुंची थी, यहां से कुसुम को गिरफ्तार कर गुरुवार को सीजेएम अल्मोड़ा की कोर्ट में पेश किया गया.

मनोहर सिंह ने बताया कि एबी प्रेमनाथ दिल्ली सचिवालय में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात हैं. उनके खिलाफ दिल्ली एंटी क्रप्शन विभाग में एक एफआईआर पूर्व में ही दर्ज की गई है. वो अपनी पत्नी आशा के माध्यम से किसी के साथ एक संस्था प्लीजेंट वैली फाउंडेशन स्कूल चलाते हैं जो कोसी बग्वाली पोखर रोड कांडा में स्थित है.

 

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Author: nirbhiknazar

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