देहरादून: विधानसभा चुनाव के परिणाम आने में भले ही कुछ दिन का समय हो, लेकिन प्रदेश भाजपा संगठन में बदलाव की सुगबुगाहट महसूस होने लगी है। माना जा रहा कि प्रदेश संगठन की जिम्मेदारी गढ़वाल मंडल से किसी वरिष्ठ नेता को सौंपी जा सकती है। यदि भाजपा फिर से सत्ता में आती है तो वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है। दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की मुलाकात को इस कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है।
उधर, विधानसभा चुनाव में भितरघात की एक के बाद एक शिकायतों से असहज भाजपा 10 मार्च तक वेट एंड वाच की रणनीति पर चल रही है। यही कारण है कि इस विषय पर पार्टी फिलहाल चुप्पी साधे है। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार में पिछले साल मार्च में नेतृत्व परिवर्तन हुआ था। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्थान पर गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया। इसके साथ ही प्रदेश भाजपा संगठन में भी नेतृत्व परिवर्तन कर दिया गया। तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत को सरकार में मंत्री बनाया गया और त्रिवेंद्र सरकार में मंत्री रहे मदन कौशिक को प्रदेश भाजपा की कमान सौंपी गई। ऐसे में कौशिक के सामने स्वयं को नई भूमिका में साबित करने की चुनौती थी।
वही बीजेपी के नेताओ को कहना है की ऐसा कुछ नहीं है ओर संघठन मे बदलाव के बाद महज एक अफवा है वही काँग्रेस का कहना है की भाजपा मे ये तो होना ही था क्युकि चुनाव के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर कई वरिष्ठ नेताओ पर बीजेपी के ऊमीद्वारों ओर विधायको ने ये ज़ाहिर किया था की इस बार पार्टी के लोगो ने ही भीतरघात किया है | आम आदमी पार्टी भी भाजपा को नसीहत देकर ये बता रही है की भीतरघात के बाद भाजपा मे वाकई बदलाव की जरूरत है।