यमुनानगर/ हरियाणा : कल तक पुलिस की वर्दी डालकर ठगी करने वाला यह शातिर गिरोह आज असली पुलिस (Police) की पकड़ में गर्दन झुकाए बैठा है. इन पर आरोप है कि यह रुपए दोगुना करने का लालच देते हैं फिर शिकार को फंसाने के लिए सैंपल के तौर पर छोटी रकम के असली नोट देते हैं. भरोसा जीतने के बाद जब इनका शिकार बड़ी रकम दोगुना करना चाहता है तो उसे योजनाबद्ध तरीके से रकम के साथ अपनी तय जगह पर बुलाते है. जहां इनका एक साथी पहले कागज के टुकड़ों के ऊपर नीचे असली नोट चिपका कर दूर से बंडल दिखाता हैं, और जैसे ही शिकार असली नोट उसके हाथ में पकड़ाता है ऐन मौके पर इनके दूसरे साथी हुबहू पुलिस की वर्दी (Police Uniform) में आते है और नकली रेड (Fake Raid) कर देते हैं.
फिर पुलिस की ही तरह नोटों को अपने कब्जे में लेकर अपने आदमी को गिरफ्तार कर लेते है. जाते-जाते ठगी का शिकार हुए व्यक्ति को धमकी देते हैं कि अगर किसी को बताया तो वह उसे भी गिरफ्तार कर लेंगे. चौंकाने वाली बात है कि इस रैकेट में उत्तराखंड पुलिस में तैनात एक सिपाही भी शामिल है जो नकली पुलिस रेड में शामिल होता है. इस बार वह इसलिए नहीं आ पाया क्योंकि वह चुनावी ड्यूटी पर तैनात था. मगर उसने अपनी कमीशन तय कर अपनी पुलिस की भर्ती के साथ अपने एक अन्य साथी को भेज दिया था.
उत्तराखंड पुलिस में तैनात सिपाही की वर्दी के साथ अन्य पुलिस की वर्दियां भी बरामद
पुलिस ने बताया कि ज्यादातर लोग डर के चलते पुलिस के पास शिकायत नहीं करते. लेकिन इनका ताजा शिकार बने मोहित जोकि करियाना की दुकान चलाता है उसने पुलिस में शिकायत करने की हिम्मत की और पुलिस ने इस शातिर गैंग को धर दबोचा. मोहित ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया की पहले एक व्यक्ति ने उसे सैंपल के तौर पर दस हजार रुपयों के असली नोट देकर कहा कि यह नकली नोट हैं इन्हें चलाकर चेक कर लें. जब उसे विश्वास हो गया तो 20 हजार रूपए टोकन मनी लेकर तीन लाख रूपयों को 9 लाख रूपयों में बदलने की डील तय हुई.
तय जगह पर मोहित 3 लाख रूपए लेकर पहुंचा, वहां उसे अरविंद नामक युवक मिला जिसने उसे दूर से 9 लाख रूपए दिखाए. जो दरअसल नोटों के आकार में काटे गए कागज थे जिनके ऊपर और नीचे असली नोट चिपकाए हुए थे. दूर से देखने में वह असली नोटों के बंडल प्रतीक हो रहे थे. ठीक उसी वक्त ठगों के ही कुछ साथी नकली पुलिस की वर्दी पहन कर रेड करने पहुंच गए. उन्होंने दोनों के हाथों में पकड़े नोट अपने कब्जे में ले लिए और अरविंद को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गए. जाते जाते वह मोहित को धमकी दे गए कि अगर किसी को बताया तो वह उसे किसी झूठे केस में गिरफ्तार कर लेंगे.