लखनऊ: उत्तर प्रदेश चुनावों के दौरान भाजपा को तगड़ा झटका लग सकता है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकारी अफसर अब अखिलेश और मुलायम सिंह यादव के पुराने बंगलों की सफाई करवा रहे हैं। खबर है कि साढ़े तीन साल बाद एक बार फिर उसी बंगले ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री पर टोंटी चोरने का आरोप लगा था। हालांकि, अब विक्रमादित्य मार्ग पर अखिलेश और मुलायम के बंगले की साफ-सफाई और मरम्मत का काम शुरू हो गया है। यूपी में चुनावों के परिणामों से पहले कई सालों से बंद पड़े दोनों बंगलों की मरम्मत और साफ सफाई यूपी सरकार का संपत्ति विभाग करवा रहा है। इसमें खास बात ये है कि राज्य संपत्ति विभाग का प्रभार सीएम योगी के एसीएस के ही पास है। अब सत्ता के गलियारों में इन घटनाक्रम को बदलाव के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग पर स्थित बंगला नंबर 4 और 5 पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश और मुलायम सिंह को आवंटित किए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जून 2018 में इन्हें खाली करवा लिया गया। 3 साल 8 महीने से ये किसी को भी आवंटित नहीं किए गए। इससे यहां हर तरफ झाड़ियां उग आईं थीं। राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों ने गेट बाहर से बंद कराकर अंदर ही अंदर मरम्मत और साफ-सफाई का काम शुरू कर दिया है। यहां पर 5 नंबर बंगले की दीवारों और छतों पर प्लास्टर के साथ फिटिंग भी बदली जा रही है। एंटी-टरमाइट ट्रीटमेंट हो रहा है। शीशे बदले गए हैं। भीतर दो बार सफाई हो चुकी है। निगम के ट्रकों को कचरा लेकर चुपके से बाहर निकाला जा रहा है।
आपको बता दें कि सीएम रहते हुए अखिलेश यादव के लिए लखनऊ के पॉश एरिया विक्रमादित्य मार्ग स्थित 60,000 वर्ग फुट का आलीशान बंगला तैयार कराया गया। अखिलेश अपने पिता का घर छोड़ इस बंगले में अपने परिवार के साथ शिफ्ट भी हो गए थे। राज्य में सरकार बदली तो कानून भी बदल गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के आधा दर्जन पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगले खाली कराए गए।