न्यूज़ डेस्क : दुनिया में हर दिन कोई न कोई शादी के बंधन में बंधता ही है. शादी को लेकर कई सारे सपने कई सरे प्लांस बनाएं होते हैं. दुनिया में लव मैरिज और अरेंज मैरिज होती है. अब अंतरजातीय विवाह को भी लोग मानने लगे हैं. अंतरजातीय मैरिज को हालांकि लोग एक अलग नज़रिये से देखते हैं. देश दुनिया में कई लोग ऐसे हैं जो इसे गलत मानते हैं या इसे स्वीकार नहीं करते. लेकिन ऐसा मानना गलत है. जैसे की लव और अरेंज मैरिज दुनिया स्वीकार करलेती है वैसे ही अंतरजातीय मैरिज को भी स्वीकार करना चाहिए. जानकारों के मुताबिक इन ही सब को ध्यान में रखते हुए सरकार ने लोगों की सोच बदलने के लिए पहल की और इसके लिए एक योजना चलाई. इसमें जो लोग अंतरजातीय विवाह करते हैं, उन्हें सरकार की तरफ से आर्थिक मदद मिलती है. तो चलिए आपको बताते हैं कि अगर आप इस सुविधा का लाभ कैसे ले सकते हैं.
क्या है ये योजना?
जो लोग अंतरजातीय विवाह करते हैं, उन्हें ढाई लाख रुपये की आर्थिक मदद मिलती है. इस योजना को डॉक्टर अंबेडकर फाउंडेशन के नाम से जाना जाता है. जो लोग अंतरजातीय शादी करते हैं, उन्हें ये लाभ मिलता है.
कैसे करें आवेदन ?
अगर आपने अंतरजातीय विवाह किया है, और आप ढाई लाख रुपये की आर्थिक मदद लेना चाहते हैं, तो ऐसे में आपको शादी के बाद डॉक्टर अंबेडकर फाउंडेशन के लिए आवेदन करना होगा. ध्यान रहे इस आवेदन को शादी के एक साल के अंदर ही कराना होता है.
कैसे लें लाभ?
अगर आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं. तो इसके लिए शादी करने वाले दोनों लोगों में से एक दलित समुदाय से बाहर का होना चाहिए और दूसरा व्यक्ति दलित समुदाय का होना आव्यशक है. इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको अपनी शादी को हिंदू मैरिज एक्ट 1995 के तहत रजिस्टर कराना होता है. इसके लिए आपको एक हलफनामा डालना होता है, जिसके बाद आपके विवाह को रजिस्टर कर दिया जायेगा.
ख़ास बात –
बात अगर लाभ की करें, तो इस योजना के तहत अगर आपकी पहली शादी है तभी आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. अगर आपकी ये दूसरी शादी है या इससे अधिक बार आप विवाह कर चुके हैं, तो आप इस योजन एके योग्य नहीं माने जाएंगे.