लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जहां बीजेपी के लिए जीत लेकर आया, सपा की सीटों में बढ़त लेकर आया, तो वहीं बसपा और कांग्रेस को 1-2 सीटों में ही संतुष्टि करनी पड़ी. सूबे में केवल एक सीट पाने वाली बसपा अब इसको लेकर सपा पर आरोप लगा रही है. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने समाजवादी पार्टी द्वारा किए गए दुष्प्रचार को जिम्मेदार ठहराया है. जबकि 1 दिन पहले ही शिव सेना शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा था हार-जीत होती रहती है, हम इससे निराश नहीं हैं। उत्तर प्रदेश में बीजेपी को बड़ी जीत मिली है। बीजेपी की जीत में मायावती की बसपा और असदुद्दीन औवेसी की एआईएमआईएम का भी योगदान है। भाजपा को इनको पद्मविभूषण और भारत रत्न देना चाहिए। जबकि मायावती अपनी हर का ठींकरा सपा पर फोड़ रही हैं।
सपा को ठहराया हार का दोषी
दरअसल, शुक्रवार 11 मार्च की सुबह लखनऊ में मायावती ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि बीएसपी को अगर मुसलमानों का और दलितों का वोट मिल जाता तो बीजेपी हार जाती. मायावती का कहना है कि इस बार का चुनाव बसपा के लिए सीख बनकर आया है. बीएसपी के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया है.
“अब इससे बुरा क्या हो सकता है”
मायावती ने कहा कि वह बहुजन समाज पार्टी के समर्थकों से कहना चाहेंगी कि हिम्मत नहीं हारनी चाहिए और हमें अब लगे रहना है. बाबासाहेब के अनुयायी हैं. कभी हिम्मत नहीं हारेंगे. वहीं, मायावती ने यह भी कहा कि बुरा वक्त जल्द खत्म होने वाला है. जी-जान से कोशिश करने के बाद भी यही नतीजा आया है. अब इससे बुरा क्या हो सकता है.
दलित और मुस्लिम वोट को लेकर कही यह बात
मायावती का कहना है कि बसपा के पास जो दलित समर्थन था, वह अब बीजेपी के पास चला गया है. इसी के चलते भाजपा जीत पाई है. उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव में मुसलमानों का वोट समाजवादी पार्टी के खाते में गया. उन्होंने आगे कहा, “ऐसे में मेरे अपने समाज को छोड़कर बड़ी संख्या में हिंदू समाज के लोगों ने भाजपा को ही वोट दे दिया ताकि सपा का गुंडाराज न आ सके.”
हार की तुलना 1977 के चुनाव से
मायावती ने कहा कि इस बार की हार 1977 में कांग्रेस की हालत जैसी है. ऐसे दौर में हमें हताश होने के बजाय आगे के लिए कोशिश करती रहनी चाहिए. बाबासाहेब के जीवन संघर्ष को याद करते हुए आगे बढ़ना चाहिए.
सपा को बताया बीजेपी की बी टीम
मायावती ने अपनी हार का दोष सपा के कंधों पर मार दिया है. इतना ही नहीं, मायावती ने सपा को बीजेपी की बी टीम बता दिया है. उन्होंने बसपा के सभी पदाधिकारियों और धन्यवाद देते हुए कहा कि सबने जी लगाकर काम किया है. हालांकि, बसपा का ग्राफ गिरना चिंता की बात है.
गैर जाटव वोट को लेकर भी कही यह बात
बड़ी बात यह है कि मायावती ने यह बात भी स्वीकार ली है कि गैर-जाटव दलित वोट भी बसपा से खिसक कर दूसरे दलों में, खासकर बीजेपी में जा चुके हैं.