देहरादून: उत्तराखंड मे धामी सरकार एक्टिव मोड मे आ गई है जीतने से पहले जो वादा भारतीय जनता पार्टी ने किया था सीएम धामी ने उसे अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है। आपको बता दें धामी सरकार का ये मक़सद है की उत्तराखंड का विकास हो जनता जनार्दन की समस्याएँ दूर की जाएँ और सूबे मे कोई परेशान न हो और इन सब बातों को पूरा करने के लिए धाकड़ धामी की धमक शुरू हो चुकी है। इसी क्रम मे बीते दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को निर्देश दिये हैं कि यह सुनिश्चित किया जाय कि सभी अधिकारी एवं कर्मचारी समय पर ऑफिस पहुंचे और ऑफिस टॉइम में पूर्ण मनोयोग से कार्य करें। समय पर कार्यालय न आने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर सख्त कारवाई की जाय। जन समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाय। जनता एवं जन प्रतिनिधियों के फोन अवश्य रिसीव करें। यदि किसी वजह से फोन रिसीव न कर पायें तो कॉल बैक जरूर करे।
वहीं विधानसभा चुनाव-2022 में करारी हार के सदमें से जूझ रही कांग्रेस में अंदरखाने एक नया घमासान शुरू हो गया। कांग्रेस में बड़ी तेजी से चर्चा है कि चुनाव के लिए बजट में काफी घालमेल किया गया है। चुनाव प्रचार के लिए आए धन को कुछ पदाधिकारियों ने खुद ही रख लिया। पिछले एक हफ़्ते से राजीव भवन में हर पदाधिकारी की जुबां पर यही चर्चा है। यह बात दीगर है कि अभी कोई खुलकर नहीं बोल रहे हैं। सूत्रों की मानें तो मामला बढ़ने पर एक पदाधिकारी द्वारा 20 लाख से ज्यादा रुपये वापस लौटाने की बात भी सामने आ रही है। निवर्तमान गढ़वाल मंडल प्रवक्ता गरिमा महरा दसौनी ने भी चर्चाओं की पुष्टि की है । कहा कि कई लोगों ने उनसे इस पर चर्चा की है। सोशल मीडिया पर यह विषय आ चुका है। यह बेहद गंभीर विषय है। हाईकमान को इसका संज्ञान लेते हुए जांच करानी चाहिए।
एक तरफ जहां धामी सरकार काम करने मे जुट गई है वहीं विपक्ष मे बैठी पार्टी के दोनों हाथ अभी खाली हैं न तो पार्टी को अब तक नेता प्रतिपक्ष मिला न प्रदेश अध्यक्ष ऊपर से गुटबाजी और पार्टी मे अनियमितता और सामने आने लगी है। पहले ही से कमजोर पड़ी कांग्रेस मे ऐसी करुतों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मोह भंग हो रहा है जिसे खुद नेता कुबूल कर रहे हैं। अब सवाल ये उठता है की आखिर कांग्रेस एकजुट कब होगी ?