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उत्तराखंड: दिव्यांग भूतपूर्व सैनिकों को मिलेगी 5001 रुपये की प्रोत्साहन राशि

देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि सैनिक बाहुल्य राज्य उत्तराखंड में सैनिक और उनके आश्रितों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए। राज्यपाल ने राज्य के समस्त दिव्यांग भूतपूर्व सैनिकों को राजभवन की ओर से प्रति सैनिक 5001 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान किए जाने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने राजभवन में उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था की बैठक ली। उन्होंने कहा कि सैनिक पुनर्वास संस्था को राज्य मे एक प्रभावी विजन, मिशन और सोच के साथ कार्य करना होगा। संस्था को स्व-उत्तरदायित्व के अगले स्तर पर पहुंचना होगा। इस दौरान राज्‍यपाल ने प्रमुख सचिव सैनिक कल्याण एल फैनई और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था के लाभार्थियों जिनमें पूर्व सैनिक, वीर नारियां, सैनिक आश्रित और दिव्यांग सैनिक सम्मिलित हैं उनके पर्याप्त आंकड़े डिजिटल रूप से उपलब्ध करवाए जाए।

राज्यपाल ने कहा कि सैनिक पुनर्वास संस्था की एआइ इनेबल्ड एंड्राइड मोबाइल बेस्ड पोर्टल और वेबसाइट विकसित की जाए जिससे पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों का संपर्क सरलता से संस्था से हो सके। उन्होंने कहा कि वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्र‍ितों समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। इसके साथ ही राज्यपाल ने वीरांगनाओं के कल्याण और पुनर्वास पर विशेष जोर देने की बात कही। राज्यपाल ने राज्य के समस्त दिव्यांग भूतपूर्व सैनिकों को राजभवन की ओर से प्रति सैनिक 5001 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान किए जाने हेतु सचिव डा. रंजीत कुमार सिन्हा को निर्देश दिए। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था का पूरी तरह आधुनिकीकरण किया जाना चाहिए।

जिलों में सेना में भर्ती के लिए प्रशिक्षण केंद्र खोलने के करें प्रयास

राज्‍यपाल ने संस्था को निर्देश दिए कि राज्य के प्रत्येक जनपद में सेना में भर्ती के लिए प्रशिक्षण केंद्र खोलने के प्रयास किए जाए। इसके लिए तात्कालिक रूप से विद्यालयों के खेल मैदानों का प्रयोग किया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा कि सैनिक पुनर्वास संस्था को प्रयास करने होंगे कि राज्य के बहुसंख्यक भूतपूर्व सैनिकों की राज्य में जैविक खेती, नेचुरल फार्मिंग, फारेस्टेशन, सीमांत क्षेत्रों में रिवर्स पलायन मे किस प्रकार गेमचेंजर की भूमिका हो सकती है। उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों की बेटियों की एनडीए, सैनिक सेवाओं तथा अन्य प्रतिष्ठित केंद्रीय व राज्य सरकार की सेवाओं में किस प्रकार भागीदारी बढ़े इसके लिए सैनिक पुनर्वास संस्था को भी प्रयास करने होंगे।

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Author: nirbhiknazar

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