नई दिल्ली: कोविड-19 या उससे उबरने के एक महीने में होने वाले संक्रमण से मरने वालों के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग को खारिज करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि इससे देश दिवालिया हो जाएगा। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की खंडपीठ ने शुरुआत में टिप्पणी की कि पूरा देश दिवालिया हो जाएगा। हाईकोर्ट ने आगे कहा कि पीड़ितों के परिवारों को मुआवजे के भुगतान के संबंध में पहले से ही एक नीति है और इसे सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा तैयार दिशानिर्देशों के अनुसार, कोविड-19 मौतों के लिए अनुग्रह मुआवजा 50,000 रुपये तय किया गया है, जिसका भुगतान राज्यों द्वारा राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से किया जाएगा। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हमारे विचार में कोविड-19 के कारण मारे गए लोगों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान करने का निर्देश देने का अधिकार इस अदालत के पास नहीं है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) ने कोविड-19 महामारी के कारण मरने वाले मृतक के परिजनों को अनुग्रह मुआवजे के भुगतान के लिए पहले से ही एक समान नीति तैयार की है।
यह फैसला जून, 2021 में डॉ. विद्योत्तमा झा द्वारा दायर एक रिट याचिका पर आया है जिसमें महामारी के पीड़ितों को मुआवजा देने की नीति की मांग की गई थी। अदालत ने पहले से ही नीति लागू होने का हवाला देते हुए याचिका का निस्तारण कर दिया।