रुद्रपुर : मॉरीशस से अपने पूर्वजों की तलाश में एक बार फिर स्वास्ति बोले भीखा बलिया पहुंची हैं। दस्तावेजों के आधार पर वह अपने पूर्वजों के गांव सिकदंरपुर के देवा जाएंगी। फिलहाल अपने मित्र दिलीप गिरी के घर रुद्रपुर में रुकी हुई हैं।
स्वास्ति बोले भीखा के परदादा मॉरीशस में जाकर बस गए थे। उस समय बलिया आजमगढ़ जनपद का हिस्सा हुआ करता था। उन्होंने बताया कि उनके पिता का नाम रामरेखा भीखा है। परिवार से कई लोग फोर्स में भी रहे हैं। 34 साल पहले स्विट्जरलैंड में वह चली गई थीं। वहां के लोग कार्यक्रमों में उनकी पहचान पूछते हैं कि वह कहां से हैं। मॉरीशस बताने पर लोग यकीन नहीं करते थे, उन्हें इंडियन बताते थे। तब उन्हें अपने पूर्वजों की मिट्टी के बारे में जिज्ञासा हुई। पहली बार वह नवंबर 2018 में भारत आईं। सोशल मीडिया के एक मित्र से मिलीं। उन्होंने स्वास्ति को उनके पूर्वजों के बिहार में होने की आशंका जताई। साथ में कोई संबंधित कागजात भी मांगा। इसके बाद वो वापस लौट गईं। मार्च 2019 में फिर इंडिया आईं।
एक डाक्यूमेंट से पता चला कि उनके पूर्वज कोलकाता से पानी की जहांज से विदेश गए थे। उसके कागजात पर उनका पता सिंकदरपुर के देवा लिखा था। इस आधार पर देवा पहुंची। खोजबीन की। यहां के लोगों ने भी उन्हें हाथों हाथ लिया, लेकिन अभी पूवर्जों के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं मिल पाई है। उन्होंने बताया कि 2019 में उन्होंने गिरमिटिया फाउंडेशन भी बनाया। इसका काम ऐसे लोगों की मदद करना था जो अपने पूर्वजों की तलाश में यहां आ रहे हैं। कोलकाता में इसका महोत्सव भी कराया था। उन्होंने कहा कि गांव के जो जरूरतमंद लोग हैं, उनकी सहायता करने की भी योजना है।