Nirbhik Nazar

कांग्रेस विधायकों मे बगावत ! बीजेपी करेगी स्वागत ?

देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति मे कब क्या हो जाये कुछ कहा नहीं जा सकता है दलबदल प्रेशर की राजनीति यहाँ आम बात हो गई है अभी चुनाव के नतीजे आए ज़्यादा वक्त नहीं गुज़रा है और उत्तराखंड मे अपनी जीत का दावा कर रही कांग्रेस जहां 19 सीटों पर सिमटी वहीं भाजपा को 47 सीटें मिलीं। लेकिन चुनाव के बाद बीजेपी – कांग्रेस मे भीतरघात के आरोप भी लगे समीक्षा बैठकें भी दोनों पार्टियों की हुई लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं हुई। भाजपा नेता तो भीतरघात के आरोप लगाकर शांत बैठ गए लेकिन प्रदेश मे हारी हुई कांग्रेस मे लगातार आरोपों का दौर जारी है और अब तक जारी है यहाँ तक की आरोपों से प्रीतम सिंह भी अछूते नहीं रहे आरोप लगने बाद प्रीतम सिंह ने तो ये तक कह दिया की अगर मेरे ऊपर आरोप साबित हुए तो मैं विधायकी से इस्तीफा दे दूंगा।

वहीं कांग्रेस ने तमाम कयासों को दरकिनार कर नए चेहरों पर दांव खेला है और उनके सर ताज सजा दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष पद पर यशपाल आर्य और उपनेता प्रतिपक्ष के पद पर भुवन कापड़ी की नियुक्ति की गई है। इन नियुक्तियों में प्रदेश की कुल 70 में से 41 सीटों वाले गढ़वाल मंडल को प्रतिनिधित्व नहीं मिल सका है। पार्टी का यही दांव अब असंतोष का बड़ा कारण बन रहा है। सिर्फ गढ़वाल ही नहीं, कुमाऊं मंडल में भी नाखुशी झलक रही है। दिग्गज नेताओं के साथ ही विधायकों की बड़ी संख्या भी इस निर्णय को पचा नहीं पा रही है।

बताया जा रहा है कि कांग्रेस के कई विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं, और बीजेपी इन विधायकों को पार्टी में शामिल करा सकती है। प्रदेश में साल 2016 की तरह दलबदल के संकेत मिल रहे हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस के आठ विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं। ये जल्द ही बीजेपी से जुड़ सकते हैं। इनमें 5 विधायक कुमाऊं और 3 गढ़वाल के बताए जा रहे हैं। वहीं कांग्रेस के नेता इन सब बातों को अब तक नकार रहे हैं जबकि हरीश धामी बिलकुल साफ़ कह चुके हैं की वाओ अब कांग्रेस मे नहीं रह सकते हैं उनकी अनदेखी हुई है।

प्रीतम सिंह, मदन सिंह बिष्ट, राजेंद्र सिंह भंडारी, हरीश धामी, ममता राकेश समेत तकरीबन आधा दर्जन विधायक नेता प्रतिपक्ष पद के दावेदारों की कतार में थे। आर्य इस पद की दौड़ में शामिल माने जा रहे थे। उधर चमोली के बदरीनाथ से विधायक राजेंद्र भंडारी ने दिल्ली में प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से मुलाकात कर गढ़वाल मंडल को पार्टी में प्रतिनिधित्व नहीं मिलने का मुद्दा उठाया। वहीं हरीश धामी ये ऐलान कर चुके हैं की अगर जनता कहेगी तो वो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट छोड़ सकते हैं। एक तरफ जहां कांग्रेस इन सब बातों को अफवाह बता रही है तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा पार्टी मे आने वालों के स्वागत लिए तैयार खड़ी है। लेकिन सवाल ये है की कांग्रेस इस मुश्किल की घड़ी मे क्या करती है कैसे टूटते हुए लोगों को कैसे रोकती है। क्योंकि कांग्रेस के पास उत्तराखंड मे सिर्फ 19 विधायक हैं। कांग्रेस नाराज़ विधायकों की बैठक होने की बात भी नकार रही है।

nirbhiknazar
Author: nirbhiknazar

Live Cricket Score
Astro

Our Visitor

0 7 0 1 7 3
Users Today : 10
Users Last 30 days : 646
Total Users : 70173

Live News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *