देहरादून: मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों की अधिकारियों की एसीआर लिखने के अधिकार के प्रति ललक पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने सवाल उठाया है। रावत ने सोमवार को कहा कि इस वक्त मंत्रियों की प्राथमिकता अधिकारियों की एसीआर लिखना है। जैसे ही यह अधिकार मंत्री और भाजपा के निर्वाचित, गैरनिर्वाचित प्रतिनिधियों को मिलेगा तो राज्य की सारी समस्याओं का हल हो जाएगा।
जंगलों में लगी आग भी बुझ जाएगी। अप्रैल में पीने के पानी की किल्लत पैदा होने लगी है, यह भी ठीक हो जाएगी। स्कूल में शिक्षक, अस्पतालों में डाक्टर पहूंच जाएंगे। एसीआर का अधिकार मिलने से खराब सड़के भी ठीक हो जाएंगी। महंगाई और बेरोजगारी का समाधान भी संभवत एसीआर से ही निकलेगा। यदि एसीआर ही हर मर्ज की दवा है तो हम भी कहेंगे जय एसीआर।
यशपाल आर्य का अनुभव उत्तराखंड के लिए लाभप्रद होगा। मैँ तो हाईकमान को धन्यवाद दूंगा कि आर्य जैसे सबसे परिपक्व संसदीय अनुभवी व्यक्ति को नेता प्रतिपक्ष बनाया है। विधायकों में नाराजगी नहीं है। धारचूला विधायक हरीश धामी पहले थोड़ा गुस्से में थे, अब वे भी शांत हैं।
हरीश रावत, पूर्व सीएम