लखनऊ: कोरोना संक्रमण से अपने अभिभावकों को खो चुके निराश्रित बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत लैपटॉप दिया जाएगा। योजना के तहत पंजीकृत 9वीं या इससे ऊपर की कक्षाओं में पढ़ रहे विद्यार्थी पात्र होंगे। 2000 पात्र विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। इस योजना में 8 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये निर्देश सोमवार को सामाजिक सुरक्षा सेक्टर की कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण के दौरान दिए। वहीं मंडल मुख्यालयों पर कम से कम एक महिला संरक्षण गृह और महिला शरणालय की स्थापना होगी। मिशन शक्ति का अगला चरण ब्लॉक स्तर पर चलेगा और श्रम विभाग पंजीकृत श्रमिकों के डाटा का सत्यापन कराएगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, बाल देखरेख संस्थाओं किशोर न्याय बोर्डों एवं बाल कल्याण समितियों का एमआईएस पोर्टल जल्द होना चाहिए। इसे अगले 100 दिन में करने का लक्ष्य रखें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन, कन्या सुमंगला योजना और बाल सेवा योजना योजना से वंचित लोगों को जोड़ने के लिए ब्लॉक स्तर पर कैंप आयोजित करें। वन स्टॉप सेन्टरों में सुरक्षा व सशक्तीकरण के लिए आर्थिक सहायता, रोजगार, स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण आदि से संबंधित योजनाओं की जानकारी एक ही छत के नीचे मिलनी चाहिए।
उन्होंने कन्या सुमंगला योजना के प्रभावी संचालन के लिए गाइडलाइन में आवश्यक संशोधन करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के राजकीय व स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित सभी महिला व बाल देखरेख संस्थाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। संत रविदास आश्रम पद्धति विद्यालयों का निर्माण काम जल्द पूरा कराएं।
सामाजिक विवाह योजना में मिलेंगे एक लाख
मुख्यमंत्री सामाजिक विवाह योजना में दी जाने वाली 51,000 की सहायता राशि को बढ़ाकर 1,00,000 किया जाएगा और पिछड़े वर्ग की बालिकाओं के विवाह के लिए शादी अनुदान योजना में अगले छह महीने में 20 हजार लाभार्थियों का लक्ष्य रखा गया है।