देहरादून: विधानसभा चुनाव के दौरान भितरघात करने वालों पर भाजपा नेतृत्व अब कार्रवाई करेगा। उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने रविवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में उन 23 सीटों की समीक्षा की, जिनमें पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। इस दौरान हारे प्रत्याशियों ने भितरघात का विषय उनके समक्ष रखा तो सांगठनिक दृष्टि से प्रांत से लेकर जिला स्तर तक की कमियों, खामियों को भी रेखांकित किया। इस पर राष्ट्रीय महामंत्री संगठन ने कहा कि सभी पहुलओं पर मंथन कर पार्टी निर्णय लेगी। साथ ही हारने वाले प्रत्याशियों से कहा कि राजनीति में कोई पूर्ण विराम नहीं होता। सभी अपने-अपने क्षेत्रों में पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करें। जो हार गए, वे संबंधित क्षेत्रों में पार्टी के शेडो विधायक हैं।
23 सीटों पर हार के कारणों की समीक्षा
विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 47 सीटें जीतकर दोबारा सत्ता हासिल की, लेकिन उसका प्रदर्शन पिछले चुनाव के मुकाबले 10 सीट कम रहा। इस पर पार्टी ने 23 सीटों पर हार के कारणों की समीक्षा कराई। यह समीक्षा रिपोर्ट अनुशासन समिति को परीक्षण के लिए सौंपी जा चुकी है।
इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने भी रविवार को पराजित प्रत्याशियों के साथ बैठक कर समीक्षा की। बैठक में 23 से 19 पराजित प्रत्याशी उपस्थित थे और सभी ने अपनी-अपनी बात राष्ट्रीय महामंत्री संगठन के समक्ष रखी।
सूत्रों के अनुसार प्रत्याशी रहे कुछ नेताओं ने कहा कि यदि भितरघात नहीं होता तो पार्टी 60 पार के लक्ष्य को हासिल कर सकती थी। उन्होंने इशारों ही इशारों में हार के लिए जिम्मेदार कुछ नेताओं के नाम भी लिए। इनमें प्रांत स्तर के दो नेताओं के नाम भी बताए जा रहे हैं। इसके अलावा हार के अन्य कारणों को भी उन्होंने इंगित किया। पराजित प्रत्याशियों की बात सुनने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन संतोष ने सभी से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र में संगठन के कार्यों में जुट जाएं। साथ ही केंद्र व राज्य सरकारों के कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभाएं। चुनाव में हार के जो-जो भी कारण रहे, उनके समाधान को कदम उठाए जाएंगे।
पार्टी अवश्य निर्णय लेगी
बैठक के बाद पूर्व विधायक सुरेश राठौर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चुनाव में भितरघात की बात वह पहले भी रख चुके हैं। राष्ट्रीय महामंत्री संगठन के समक्ष भी विषय रखा कि इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए। पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि पहली बार पार्टी ने हारे प्रत्याशियों की बात सुनी। यह अच्छी पहल है। चुनाव में जो कमियां-खामियां रहीं, पार्टी उन पर विचार कर अवश्य निर्णय लेगी।
जब चैंपियन को आना पड़ा बाहर
विधानसभा की खानपुर सीट से पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की पत्नी रानी देवयानी इस सीट से चुनाव हार गई थीं। बैठक में उन्हें ही भाग लेना था, लेकिन उनकी जगह चैंपियन बैठक में पहुंच गए। बाद में उन्हें बाहर आना पड़ा।
संजय गुप्ता रहे अनुपस्थित
लक्सर सीट से प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक संजय गुप्ता ने सबसे पहले चुनाव में भितरघात का आरोप लगाया था। उन्हें भी बैठक में भाग लेना था, लेकिन बताया गया कि अपरिहार्य कारणों से वह देहरादून नहीं पहुंच पाए।