हल्द्वानी : मौसम की मार से फलों की मिठास में कड़वाहट घुल रही है। पिछले दो महीनों में पहले भीषण गर्मी और पिछले कुछ दिनों से अंधड़ और बारिश के कारण आम, लीची, पुलम, आड़ू समेत अन्य फलों को खासा को नुकसान पहुंचा है। उद्यान विभाग जिले में करीब पांच हजार मीट्रिक टन से अधिक नुकसान का अनुमान लगा रहा है। हालांकि, सही आकलन के लिए फिलहाल सर्वे चल रहा है। मैदानी इलाकों में आम और लीची के फल लगभग तैयार होने वाले हैं। जबकि, आड़ू, नींबू, नाशपाती, आलूबुखारा, खुमानी आदि फल भी तैयार होकर बाजार तक पहुंचने लग गए हैं। ऐसे में तेज हवा और बारिश फलों के लिए काल साबित हो रही है। जिससे कच्चे फल पेड़ों से गिरकर बर्बाद हो रहे हैं। जो इसके बाद पकने पर भी वह स्वाद नहीं दे पा रहे, जो पेड़ पर पकने के बाद देते हैं।
विभाग के मुताबिक नैनीताल जिले के 11013 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 109107 मीट्रिक टन फलों का उत्पादन होता है। परंतु अंधड़ से चकलुवा, गौलापार में आम और रामनगर में लीची के पेड़ों को नुकसान पहुंचा है। रामनगर में लीची पहले ही करीब 50 फीसद कम हुई थी। अब रही सही कसर अंधड़ ने पूरी कर दी है। इसके अलावा रामगढ़ वाले क्षेत्र में आडू, खुमानी, पुलम को काफी नुकसान पहुंचा है।
तापमान अधिक रहने से हुआ नुकसान
विशेषज्ञों के अनुसार आम में मार्च से पुष्पन शुरू होता है। इस दौरान 25-30 डिग्री सेल्सियस तापमान रहना चाहिए। परंतु इस बार मार्च के आखिरी सप्ताह में यह 35 डिग्री के पार पहुंच गया। जिससे परागकण प्रभावित होता है और फल कम लगते हैं। फल का आकार छोटा रह जाता है। आम की मशहूर किस्म दशहरी पहले जून में आती थी, अब मई में ही आने लगी है। जिसकी मिठास भी लगातार घट रही है।
नैनीताल और अल्मोड़ा में सबसे अधिक नुकसान
कुमाऊं में सबसे अधिक फलों का उत्पादन अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत ब्लाक में होता है। इसके बाद नैनीताल जिले का नंबर आता है। इसी वजह से इस बार सबसे अधिक नुकसान भी अल्मोड़ा और नैनीताल जिले में फलों की खेती पर पड़ा है। हालांकि, असल आंकड़ा सर्वे के बाद ही पता चल पाएगा।
कुमाऊं में फल उत्पादन की स्थिति
नैनीताल 11013 109107
अल्मोड़ा 24314 176847
बागेश्वर 3698 12744
पिथौरागढ़ 16597 49592
चम्पावत 8300 13698
ऊधम सिंह नगर 8040 – 54173
(नोट: क्षेत्रफल हेक्टेयर में और उत्पादन मीट्रिक टन में)
आम, लीची, आड़ू की फसल बर्बाद
मुख्य उद्यान अधिकारी नैनीताल डा. नरेंद्र कुमार ने बताया कि रामनगर से लेकर चकलुवा वाले क्षेत्र में अंधड़ से आम, लीची के पेड़ उखडऩे के कारण फलों की बर्बादी हुई है। रामगढ़ वाले क्षेत्र में आडू, खुमानी और पुलम की खेती को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा बारिश से पहले सूखे की स्थिति बनने के कारण फलों को पानी कम मिल पाया। जिससे उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। फलों को मौसम के कारण हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। जिसके बाद सही स्थिति पता चल पाएगी।