हल्द्वानी: नैनीताल जनपद का पहाड़ हो या मैदान हर जगह झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है. झोलाछाप डॉक्टरों का इलाज कई बार लोगों के लिए जानलेवा भी साबित हो रहा है. ऐसा ही ताजा मामला लालकुआं क्षेत्र के बिंदुखत्ता से सामने आया है. जहां झोलाछाप चिकित्सक से इलाज कराने के दौरान तबीयत बिगड़ने के चलते उपचार के दौरान 2 साल के मासूम बच्चे की मौत हुई है, जबकि दूसरे परिवार का एक अन्य बच्चा गंभीर हालात में अस्पताल में भर्ती है. बताया जा रहा है कि बिंदुखत्ता के शास्त्रीनगर प्रथम निवासी विनोद नैनवाल के दो साल के बेटे लक्ष्य का 24 मई की दोपहर में तबीयत खराब होने पर काररोड स्थित एक निजी क्लीनिक में उपचार कराया. क्लीनिक संचालक ने उन्हें जो दवाई दी, उन्होंने बच्चे को खिला दी. जिसके बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ती चली गई. परिजन तुरंत ही हल्द्वानी एसटीएच चिकित्सालय पहुंचे. जहां बच्चे को भर्ती करा दिया गया.
बच्चे की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है. बच्चे की मां कमला नैनवाल का रो-रो कर बुरा हाल है. उनके घर का इकलौता चिराग बुझ जाने से पूरा परिवार सदमे में है. वहीं डॉक्टर के इलाज की लापरवाही के चलते एक और बच्चे की जान खतरे में है. जिसे गंभीर हालत में डॉक्टरों ने बरेली रेफर किया है.
फिलहाल अभी तक इस मामले में कोई तहरीर नहीं आई है. मोटा हल्दु स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सक डॉक्टर हरीश पांडे का कहना है कि घटना की जानकारी उनके संज्ञान में हैं. मामले में अभी तक कोई शिकायत नहीं आई है. झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ जल्द अभियान चलाया जाएगा.