देहरादून: चंपावत विधानसभा सीट उपचुनाव के लिए मतदान संपन्न हो गया है. निर्वाचन आयोग के मुताबिक चंपावत उपचुनाव में 64 फीसदी मतदान हुआ. चंपावत उपचुनाव में भाजपा से सीएम पुष्कर सिंह धामी और कांग्रेस से निर्मला गहतोड़ के बीच मुकाबला है. इस सीट पर सीएम का चुनाव जीतना बेहद जरूरी है. चंपावत उपचुनाव में भाजपा से सीएम पुष्कर सिंह धामी और कांग्रेस से निर्मला गहतोड़ी के बीच मुकाबला है. वहीं, उपचुनाव में मतदान को लेकर युवाओं में खासा उत्साह देखा गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा के मंदिर में पूजा की. धामी ने ईश्वर से चुनाव में जीत का आशीर्वाद मांगा. निर्मला गहतोड़ी ने बूथ कैप्चरिंग का लगाया आरोप: वोट करने के बाद मीडिया से बातचीत में कांग्रेस की प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी ने कहा कि बनबसा में सत्ताधारी की शह पर बूथ कैप्चरिंग की बात सामने आ रही है. सुभाष थपलियाल ने वोट डालने के लिए गए बच्चों को धमकी देकर भगा दिया. इस घटना का मुख्यमंत्री को संज्ञान लेना चाहिए.
सीएम ने बढ़ाया हौसला: सीएम धामी मतदाताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए खुद चंपावत गए. बनबसा के मतदान केंद्रों पर सीएम ने मतदाताओं से मुलाकात की. इस दौरान सीएम को सामने देख युवा मतदाताओं ने उनके साथ सेल्फी भी खिंचवाई. हालांकि सीएम धामी ने मतदाताओं का हौसला बढ़ाया, लेकिन वो खुद वोट नहीं डाल सके. दरअसल सीएम धामी खटीमा में रहते हैं. खटीमा की मतदाता सूची में ही उनका नाम है. इसलिए सीएम धामी चंपावत में वोट नहीं डाल पाए.
उत्तराखंड विधानसभा उपचुनाव सिर्फ एक सीट पर ही हो रहा है. ये सीट बीजेपी प्रत्याशी कैलाश गहतोड़ी के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी. असल में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में पुष्कर सिंह धामी खटीमा सीट से चुनाव हार गए थे. इसके बाद पुष्कर सिंह धामी दोबारा सीएम तो बन गए, लेकिन उन्हें विधानसभा का सदस्य होना जरूरी था. इसके बाद उनके लिए चंपावत सीट खाली की गई.
वहीं उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस की तेज-तर्रार महिला नेताओं में शुमार की जाने वाली निर्मला का ताल्लुक ब्राह्मण समुदाय से है. वह करीब तीन दशक पहले शराब-विरोधी आंदोलन से सुर्खियों में आई थीं. वह कांग्रेस की चंपावत जिला अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस कमेटी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य रही हैं. पूर्व की प्रदेश कांग्रेस सरकार में वह दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री भी थीं.