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पालतू जानवरों के दिल की बात समझ सकेंगे उनके मालिक, वैज्ञानिकों ने बनाया अनोखा यंत्र…

नई दिल्ली। बहुत से लोग जानवरों से प्यार करते हैं और उन्हें अलग-अलग जानवर पालने का शौक होता है। वे उन्हें ऐसे रखते हैं, जैसे वह घर का सदस्य हो। उसे अलग-अलग तरीके से निर्देश देते हैं। हालांकि यह जानवरों की भाषा में नहीं होता, खुद इंसानों की भाषा में होता है या फिर सांकेतिक। कई बार जानवर क्या चाहता है यह उनका मालिक नहीं समझ पाता और ऐसे में दोनों के लिए परेशानी होती है। वहीं, अब मालिक चाहेंगे तो अपने पालतू जानवरों की बात समझकर उनके मुताबिक काम कर पाएंगे। इस क्षेत्र में वैज्ञानिकों ने सफलता हासिल कर ली है। वैज्ञानिकों ने ऐसी मशीन का ईजाद किया है, जिससे मालिक अपने पालतू जानवरों की बात समझ सकेंगे।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से लगेगा पता 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने एक ऐसा यंत्र बनाया है, जिससे आईए यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पता लग सकेगा कि जानवर आखिर में कहना क्या चाहता है। इस तरह इस अनोखे यंत्र के जरिए मालिक अब अपने पालतू जानवरों की बात को आसानी से समझ सकेंगे और उनका बेहतर ख्याल रख पाएंगे। यह यंत्र इजराइल के तेल अवीव विश्वविद्यालय की रिसर्च टीम ने तैयार किया है।

खाने के लिए आपस में लड़ रहे थे चमगादड़, आवाज हुई रिकॉर्ड 

इस अनोखे यंत्र का परीक्षण पहले चमगादड़ पर किया गया। इसमें अल्ट्रासोनिक फ्रीक्वेंसी डिटेक्टर की मदद से चमगादड़ की आवाज को परिवर्तित कर समझा गया। चमगादड़ों के शोर से निकली आवाज का ट्रांस्लेशन किया गया। उनकी हरकतों और ट्रांस्लेशन के नतीजे लगभग बराबर थे। इस दौरान वैज्ञानिकों ने चमगादड़ों की खाने के लिए आपस में की गई लड़ाई की आवाज भी ट्रांस्लेशन में रिकॉर्ड की।

आसपास की आवाज की कॉपी करते हैं चमगादड़

इस रिसर्च टीम में शामिल डॉक्टर यासी योवेल के अनुसार, हमने अपनी जांच में पाया कि चमगादड़ अपने आसपास की आवाज को कॉपी करते हैं और रिपिट करते हैं। ये इन आवाज को अपने दिमाग में स्टोर कर लेते हैं। वैज्ञानिक इस तैयारी में हैं और जानवरों पर इस तरह की रिसर्च की जाए और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से उन्हें समझा जाए।

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Author: nirbhiknazar

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