पटना : बिहार की राजधानी पटना के कुम्रहार इलाके में तालाब के जीर्णोद्धार के दौरान पुरातत्व विभाग (ASI) को खुदाई में ईंटों की 2000 साल पुरानी एक दीवार मिली है। एएसआई के अधिकारियों के अनुसार यह दीवार कुषाण काल की हो सकती है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के पटना सर्कल की अधीक्षक गौतमी भट्टाचार्य गुरुवार शाम को खुदाई के दौरान अधिकारियों को यह दीवार नजर आई। कुम्रहार इलाका पटना रेलवे स्टेशन के पूर्व में 6 किलोमीटर दूर है। इसी इलाके में पहले मौर्य साम्राज्य के अवशेष पाए गए थे। एएसआई इस संरक्षित तालाब का जीर्णोद्धार कर रही है। केंद्र के ‘मिशन अमृत सरोवर’ योजना के तहत यह कार्य किया जा रहा है। तालाब के अंदर ईंटों की दीवार मिलना बड़ी बात है। इस दीवार के पुरातत्व महत्व का एएसआई के विशेषज्ञ आकलन कर रहे हैं।
एएसआई का कहना है कि ये ईंटें कुषाणकालीन मानी जा रही हैं। कुषाण राजवंश उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश क्षेत्रों में राज करता था। भट्टाचार्य ने कहा कि कुषाण वंश ने 30 ईस्वी से लगभग 375 ईस्वी तक अफगानिस्तान और मध्य एशिया के कुछ हिस्सों पर शासन किया था, लेकिन विस्तृत विश्लेषण के बाद ही इस दीवार को लेकर कोई निष्कर्ष निकाला जा सकता है। इस दीवार को लेकर दिल्ली स्थित मुख्यालय के शीर्ष अधिकारियों को भी सूचित कर दिया है।
केंद्र सरकार की ‘मिशन अमृत सरोवर’ योजना के तहत एएसआई पटना द्वारा बिहार के सभी 11 संरक्षित तालाबों का पुनरुद्धार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को मिशन अमृत सरोवर की शुरुआत की थी। जल संरक्षण की इस पहल के तहत आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत देश के प्रत्येक जिले में 75 जल निकायों का विकास और कायाकल्प करना है।
मौर्य महल में मिला है 80 स्तंभों वाला हॉल
पूर्व में कुम्रहार के मौर्य महल के अवशेषों में आरोग्य विहार नामक 80 स्तंभों वाला हॉल भी मिला है। मौर्य काल (322-185 ईसा पूर्व) के पुरातात्विक अवशेष कुम्रहार में खोजे गए हैं। यह अजातशत्रु, चंद्रगुप्त और अशोक की प्राचीन राजधानी को चिह्नित करता है।