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प्रथम परीक्षा में परास्त, सत्र में “आर्य” शक्ति पर सवाल,कैसी होगी अब कांग्रेस की चाल, मचा हुआ है अफले ही बहुत बवाल !

देहरादून; उत्तराखंड मे कांग्रेस की जो हालत है किसी से छिपी नहीं है लगातार कांग्रेस पस्त होती दिख रही है बीते विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस ने अपनी जीत का दावा किया था लेकिन महज 19 सीटें जनता ने कांग्रेस की झोली मे दी और कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा बीजेपी ने धामी के नाम का नारा उत्तराखंड को दिया और जनता ने बीजेपी की सरकार बनवा दी । कांग्रेस मे विधानसभा चुनाव की अगुवाई कर रहे हरीश रावत तक को चुनाव हारना पड़ा।  विधानसभा चुनाव के बाद से ही कांग्रेस मे लगातार एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया कई बड़े नेताओं ने और बड़े नेताओं पर चुनाव हराने के आरोप लगे जिनकी जांच पार्टी स्तर पर अभी भी पेंडिंग है । उसके बाद कांग्रेस को लगा की उत्तराखंड मे कांग्रेस का कप्तान और नेता प्रतिपक्ष बदलने पर स्थिति ठीक हो जाएगी लेकिन हालत और बद से बदतर हो गई कांग्रेस ने नया प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा और नेताप्रतिपक्ष यशपाल आर्य को  बनाया लेकिन इसका इतना विरोध हुआ की कांग्रेस के कई दिग्गज पार्टी के खिलाफ हो गए कांग्रेस विधायक हरीश धामी तो इतना नराज हुए की उन्होने सीएम धामी तक के लिए सीट छोड़ने की बात कह दी। दरअसल नाराजगी इसलिए थी की कांग्रेस ने कई बड़े नेताओं को नज़र अंदाज़ करके प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा और नेताप्रतिपक्ष यशपाल आर्य को बनाया।

चंपावत उपचुनाव मे नए प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा की परीक्षा थी चंपावत उपचुनाव मे सीएम धामी के खिलाफ कांग्रेस की निर्मला गहतोड़ी मैदान मे थी और चुनाव के नतीजों के बाद निर्मला की जमानत भी जब्त हो गई निर्मला को 3500 वोट भी नहीं मिले कहा ये जा रहा है की पूरे भारत मे इससे बुरी हार कांग्रेस की कभी नहीं हुई यानि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा और उपचुनाव मे कांग्रेस के दिग्गजों ने कोई दम नहीं दिखाया और कांग्रेस के कप्तान करण माहरा फेल साबित हुए। अब धामी सरकार पार्ट 2 का पहला बजट सत्र 14 जून से विधानसभा देहरादून मे होना है और नेताप्रतिपक्ष यशपाल आर्य की ये अग्नि परीक्षा है की कैसे सदन मे वो अपनी बात रखते हैं वैसे तो खबर ये है की कांग्रेस गैरसैंण में बजट सत्र नहीं कराने के मुद्दे पर मुखर होने जा रही है। सत्र के साथ ही गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी की उपेक्षा को लेकर पार्टी सदन से लेकर सड़क तक आवाज बुलंद करेगी। प्रदेश सरकार ने पहले बजट सत्र गैरसैंण में कराने का निर्णय लिया था। बाद में चारधाम यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की भीड़ और इससे होने वाली परेशानी को देखते हुए सरकार ने बजट सत्र गैरसैंण के स्थान पर अब देहरादून में कराने पर सहमति दी है। बजट सत्र 14 से 20 जून तक होगा। अब देखने वाली बात ये होगी की नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य कैसे जनता की आवाज़ को उठाते हैं और सरकार को घेरते हैं और देखना ये भी है की क्या यशपाल के साथ इस परीक्षा को सफल बनाए के लिए विधायक एक सुर मे बोलेंगे या फिर उत्तराखंड कांग्रेस गुटों बंटकर रह जाएगी।

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Author: nirbhiknazar

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