देहरादून: रोजगार के मामले में उत्तराखंड ने सभी हिमालयी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है. यानी उत्तराखंड अब उन राज्यों में शुमार हो गया है, जहां सबसे ज्यादा लोग रोजगार से जुड़े हुए हैं. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की तरफ से जारी आंकड़ों ने उत्तराखंड की इस बेहतर स्थिति को बयां किया है. हालांकि कोरोना काल के दौरान बेरोजगारी दर में उत्तराखंड बेहद खराब हालातों में दिखाई दिया. हजारों नौकरियां गई और बेरोजगारी दर अपने रिकॉर्ड तक पहुंच गई. उत्तराखंड के लिए हालात काफी चिंताजनक रहे. छोटे से पहाड़ी राज्य में बेरोजगारी दर ने आसमान छू लिया था. उत्तराखंड अब उन राज्यों में शुमार हो गया है, जो बेरोजगारी दर को दूर करने को लेकर सबसे बेहतर स्थिति में दिखाई देता है. मई महीने में सीएमआईई के आंकड़ों से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी इसे उत्तराखंड और केंद्र सरकार की योजनाओं का असर बताती है.
2022 मे मई महीने में देश में बेरोजगारी दर 7.5% रही, जबकि उत्तराखंड में बेरोजगारी दर फिलहाल 2.9% है. यह आंकड़ा हिमालयी राज्यों में सबसे बेहतर है. हिमाचल प्रदेश में अब भी 9.6% बेरोजगारी दर है तो जम्मू कश्मीर में 18.3% बेरोजगारी दर है. यानी उत्तराखंड रोजगार के मामले में हिमाचल और जम्मू कश्मीर से कहीं बेहतर स्थिति में खड़ा है. उत्तराखंड की स्थिति मई महीने में बेरोजगारी दर को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर भी सबसे बेहतर दिखाई देती है. बेरोजगारी दर के लिहाज से उत्तराखंड सबसे अच्छे हालातों वाले राज्यों में पांचवें नंबर पर जगह बना चुका है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ देवेंद्र भसीन कहते हैं कि जिस तरह राज्य सरकार अपनी योजनाओं को आगे बढ़ा रही है और रोजगार के मामले में गंभीरता से कदम उठा रही है, उसका नतीजा है कि आज उत्तराखंड बेरोजगारी दर में बेहतर स्थिति में खड़ा दिखाई देता है. वैसे इन आंकड़ों से कांग्रेस इत्तेफाक नहीं रखती है. वहीं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य कहते हैं कि बेरोजगारी को लेकर उन्होंने विधानसभा में भी सरकार की आंखें खोलने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि आंकड़ों से हटकर सरकार द्वारा पेश किए गए बजट से साफ पता चलता है कि युवाओं के लिए सरकार के पास कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़े बेरोजगारी को बयां कर रहे हैं.