देहरादून: प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति महीने भर में कामकाज शुरू कर सकती है। चालू वित्तीय वर्ष के बजट में पांच करोड़ की राशि की व्यवस्था के बाद अब समिति के लिए कार्यालय एवं अन्य प्रबंध किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ समिति के सदस्यों की पहली बैठक शीघ्र होगी। बैठक में समिति के सदस्यों को कार्य आवंटन पर चर्चा की जाएगी। प्रदेश सरकार ने समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन और संबंधित कानून का प्रारूप तैयार करने को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। समिति राज्य में नागरिकों के व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाले कानूनों की जांच करेगी।
बजट में समिति के लिए पांच करोड़ रुपये रखे गए
विवाह, तलाक, संपत्ति के अधिकार व उत्तराधिकार से संबंधित मामलों और कानून का अध्ययन कर उसमें आवश्यक संशोधन को लेकर मंथन किया जाएगा। इसके साथ ही विरासत, गोद लेने व रखरखाव के कानूनों का परीक्षण करने के साथ ही इसे लागू करने के लिए कार्ययोजना बनाने में समिति की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
सरकार ने समिति का गठन तो किया, लेकिन इसके लिए कार्यालय आवंटन के साथ ही स्टाफ की उपलब्धता एवं अन्य व्यवस्था को बजट की समस्या थी। इसे दूर किया जा चुका है। चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में समिति के लिए पांच करोड़ रुपये रखे गए हैं। ऐसे में समिति के जल्द कार्य शुरू करने का मार्ग साफ हो गया है।
समिति के लिए सेवा शर्तों का निर्धारण भी किया जाएगा
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार शीघ्र ही मुख्यमंत्री समिति के सदस्यों के साथ बैठक करेंगे। इसमें समिति की आगामी कार्ययोजना पर चर्चा और मंथन होगा। साथ ही समिति के लिए सेवा शर्तों का निर्धारण भी किया जाएगा। इसके बाद ही यह समिति अपना कार्य शुरू कर देगी।