देहरादून: उत्तराखंड के सीएम एक तरफ जहां प्रदेश के चहेते बने हुए हैं एक तरफ जहां सीएम प्रदेश वासियों की की समस्याएँ दूर करके उनके लिए मसीहा बने हुए हैं तमाम लोग सीएम धामी के पास अपनी समस्याएँ लेकर जाते हैं और सीएम उसका निस्तारण करने की पूरी कोशिश करते हैं यही नहीं सीएम धामी खुद वक़्त –वक़्त पर खुद कार्यालयों मे जाकर चेक करते हैं की आम आदमी का काम अधिकारी कर रहे हैं या नहीं। अब राज्यआंदोलनकारियों ने भी सीएम धामी से एक आस लगाई है राज्य आंदोलनकारियों का कहना है की अगर उनकी समस्या दूर और मांग पूरी कर सकता है तो वो हैं उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी।
आपको बता दें कि राज्य आंदोलनकारी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर सांकेतिक प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मुख्य मांग है की मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा मिले व राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण मिले । उत्तराखंड सरकार ने अगस्त 2004 में राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण का शासनादेश जारी किया था, लेकिन यह शासनादेश हाई कोर्ट ने असंवैधानिक बताते हुए 2018 में निरस्त कर दिया। उस वक़्त 2015 में कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में विधेयक पास कर आंदोलनकारियों को 10 फीसदी आरक्षण देने का निर्णय लिया और इस विधेयक को राज्यपाल के हस्ताक्षरों के लिए भेजा किंतु राजभवन से यह विधेयक वापस नहीं आया।
अब राज्य आंदोलनकारियों की धामी सरकार से उम्मीद जागी है की अगर राज्य आंदोलनकारियों की मांग कोई पूरा कर सकता है तो वो पुष्कर सिंह धामी है राज्य आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती का कहना है की पुष्कर सिंह धामी से हमे बहुत उम्मीदें हैं और धामी उत्तराखंड के विकास के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं हमे उम्मीद है की पुष्कर सिंह धामी हमारी बात भी सुङ्गेगे और हमारी मांगों को पूरा करेंगे।