अमरोहा: जन्म-जन्म का साथ है हमारा तुम्हारा। इस गीत के अल्फाज बरखेड़ा सादात के रहने वाले रामगोपाल उर्फ गोकुल यादव और उनकी पत्नी वीरवती के जीवन पर सटीक बैठते हैं। जी हां बीमार पत्नी की मौत के बारह घंटे बाद ही रामगोपाल की हार्ट अटैक से मौत हो गई। पत्नी के मौत के गम में उनका भी दम निकल गया। बुजुर्ग दंपती की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। इसके बाद परिजनों ने गमगीन माहौल में दंपती का एक साथ एक ही चिता पर गंगा घाट किनारे अंतिम संस्कार किया गया। बुजुर्ग दंपती की मौत क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई। ग्रामीणों का कहना है दोनों एक साथ ही गांव से विदाई लेने की बात कहते थे, जो इश्वर को पहले से मंजूर थी।
यह मामला नौगांवा सादात थानाक्षेत्र के बरखेड़ा सादात गांव का है। यहां पर रामगोपाल उर्फ गोकुल यादव का परिवार रहता है। उनके परिवार में पत्नी वीरवती देवी के अलावा दो बेटे मुनेंद्र यादव और सोनू यादव हैं। ये दोनों भाई पेशे से किसान करते हैं। गांव के रहने वाले राजेंद्र सिंह ने बताया कि करीब 65 वर्षीय वीरवती काफी समय से बीमार चल रही थीं। लिहाजा बेटों के अलावा 70 वर्षीय पति रामगोपाल उर्फ गोकुल यादव भी वीरवती देवी बेहद देखभाल करते थे। दोनों पति-पत्नी गांव से एक साथ विदाई लेने की बात करते थे। मंगलवार की शाम करीब सात बजे वीरवती की बीमारी के चलते मौत हो गई। उनकी मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। सभी रिश्तेदार और ग्रामीण रात को ही एकत्र हो गए थे।
बुधवार की सुबह करीब सात बजे परिजन वीरवती के शव के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे। अभी परिजन जनाजा लेकर घर से निकलने वाले थे। तभी अचानक रामगोपाल उर्फ गोकुल यादव की तबीयत बिगड़ गई। इससे पहले परिजन कुछ समझ पाते, उनकी भी हार्ट अटैक से मौत हो गई। परिजन उन्हें डॉक्टर के पास लेकर पहुंचे जहां मृत घोषित कर दिया गया। बारह घंटों के अंतराल से पति-पत्नी की मौत से परिजन दंग रह गए। इस दौरान ग्रामीणों के मुंह से एक ही अल्फाज निकला कि दोनों पति-पत्नी एक साथ गांव से विदाई लेने की बात करते थे, जो ईश्वर को पहले से मंजूर थी। इसके बाद दंपती के जनाजे गांव से एक साथ निकले। जिसके बाद परिजनों ने तिगरी गंगा घाट पर दोनों के शवों का एक साथ एक ही चिता पर अंतिम संस्कार कर दिया। माता-पिता की मौत के बाद बेटों का रो-रो कर बुरा हाल है।