जमशेदपुर: आवास बोर्ड के अतिक्रमण हटाओं अभियान को रोकने के लिए दूसरे दिन हाईवोलटेज ड्रामा चलता रहा । इस दौरान इस अभियान का आदित्यपुर की सैकड़ों महिलाओं व पुरूषों के द्वारा आवास बोर्ड के अभियान का जमकर विरोध किया गया। इसकी शुरूआत शनिवार को आरआइटी थाना परिसर से शुरू हुआ। शनिवार की सुबह में स्थानीय लोगो के द्वारा सैकड़ों की संख्या में आरआइटी थाना में अतिक्रमण हटाओं टीम का विरोध किया गया।
स्थानीय लोगों ने बुलडोजर पर किया कब्जा
इस दौरान पुलिस की सुरक्षा में आवास बोर्ड का बुलडोजर रिक्शा कॉलोनी खटाल की ओर रूख करते ही भीड़ ने बुलडोजर पर कब्जा कर लिया। इस दौरान सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक बुलडोजर को घेर लोगो ने आवास बोर्ड के अतिक्रमण हटाओ अभियान की कार्रवाई पर पानी फेर दिया। इसके बाद आवास बोर्ड का बुलडोजर बैरंग वापस लौट गयी। इधर कार्रवाई में शामिल प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी विनोद कुमार ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर आदित्यपुर में 141 अतिक्रमणकारियों के कब्जे से आवास बोर्ड की जमीन को मुक्त कराने का निर्देश था। लेकिन लोगो के विरोध के कारण अभियान सफल नहीं हो पाया है। विभाग के आदेश के बाद आगे अतिक्रमण हटाओ अभियान का विरोध करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कराया जाएगा। सहायक अभियंता ने कहा कि न्यायालय के आदेश पर कारवाई की जा रही है।
थाने के बाहर ही आवास बोर्ड के लोगो को घेर लिया
सुबह 10 बजे काफी संख्या में महिला-पुरूष आरआइटी थाना के गेट के बाहर एकत्रित हो गये। अतिक्रमणकारियों को उग्र देख आवास बोर्ड की टीम थाने में ही रूकी रही। इधर बाहर लोग आवास बोर्ड के खिलाफ नारे लगाते रहे। काफी मशक्कत के बाद आरआइटी पुलिस ने लोगो को थाने के गेट से हटाया। जिसके बाद आवास बोर्ड का बुलडोजर अतिक्रमण हटाने के लिए निकली। लेकिन जैसे ही रिक्शा कॉलोनी के लिए आवास बोर्ड की टीम निकली। एमआईजी नाला के पास काफी संख्या में लोग आवास बोर्ड के जेसीबी को घेर लिया।
कीमत वसूले आवास बोर्ड मकान नहीं तोड़े
आवासीय संघर्ष समिति के बैनर तले विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगो के समर्थन में भाजपा एसटी मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष गणेश महाली, इंटक के प्रदेश सचिव अंबुज कुमार, नगर कांग्रेस अध्यक्ष संतोष सिंह, मोदी फैंस क्लब के संरक्षक सतीश शर्मा समेंत कई नेता मौके पर पहुंचे और आवास बोर्ड के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगो को समर्थन दिया। इस दौरान सभी ने एक स्वर में कहा कि 40 साल से लोग इन स्थान पर रह रहे है। इन्हे तोड़ना गलत है। आवास बोर्ड को लोग पैसा देने के लिए तैयार है आवास बोर्ड नियमत: 10 साल से रह रहे लोगो के नाम आवंटन करने का प्रावधान है उस प्रावधान के तहत लोगो के नाम जमीन करे।